पटना : भूमि विवादों के समाधान के लिए निबंधन विभाग ने भूमि निबंधन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. निबंधन पदाधिकारी डॉ. भास्कर ज्योति ने बताया कि अब केवल वे लोग जमीन बेच सकते हैं, जिनके नाम से स्वयं की जमाबंदी दर्ज है. जब भी कोई जमीन बेचना चाहता है, तो उसे जमाबंदी स्लिप के साथ अपने खाते, खेसरा और रकबा के दस्तावेज भी जमा करने की आवश्यकता होगी. इसके बिना, जमीन की बिक्री नहीं हो पाएगी.


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इस योजना से पारिवारिक भूमि विवादों में आएगी कमी
यह कदम लोगों के लिए बड़ा सहारा साबित हो सकता है. पारिवारिक भूमि विवादों में कमी आ सकती है और लोगों को अब अपनी समस्याओं का समाधान पाने में मदद मिल सकती है. निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि भू राजस्व विभाग द्वारा अब अंचल कार्यालयों को जमाबंदी संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए तीन दिन के शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. इससे लोगों को अपनी जमाबंदी को अद्यतन करवाने में मदद मिलेगी और विवादों का समाधान हो सकता है.


विभाग ने इन नियमों में किया ये बदलाव
इस नए नियम के तहत शहरी क्षेत्रों में होल्डिंग नंबर कायम रहने की स्थिति में फ्लैट की बिक्री पर कोई बाध्यता नहीं होगी. वसीयतनामा या लीज के दस्तावेज जमाबंदी के दायरे में नहीं आएंगे, लेकिन फिर भी विक्रेता को बिक्री प्रमाण पत्र और दानपत्र के साथ दस्तावेज जमा कराने की आवश्यकता होगी. निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि यह नियमों में किए गए बदलाव के बाद कार्य प्रभावित हुआ है और उम्मीद है कि लोगों में जागरूकता बढ़ेगी. अब निबंधन कार्यालय बिरौल में रोज शून्य या एक रजिस्ट्री प्राप्त हो रही है.


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