Bihar: बिहार में पुल टूटने का सिलसिला जारी हो गया है. आए दिन बिहार में पुल टूट रहे है और लोग हादसे का शिकार हो रहे है. कहीं पुल टूट रहे है तो कहीं नदियां पुल के ऊपर बह रही है और बाढ़ जैसी हालत बनने वाली है. कई जगहों पर लगातार बारिश होने के वजह से नदियां उफान पर आ गई है. जिसके वजह से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.  


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सीवान में एक के बाद एक तीन पुल टूटे
सीवान के महाराजगंज में एक ही दिन में अचानक तीन पुल टूट गए. जिससे कई गांवों के बीच का संपर्क टूट गए है. गंडक नदी पर बने 2 पुल और धमही नदी पर बना एक पुल टूट गया है. पुल के नीचे से विभाग द्वारा ज्यादा मिट्टी के कटाव करने से हादसा हुआ है. गनीमत रही की पुल टूटने के दौरान कोई उसके चपेट में नहीं आया है. देवरिया पंचायत के पडाइन टोला और सिकंदरपुर नौतन के बीच गंडक नदी का पुल टूटा है. वहीं तेघड़ा पंचायत और तेवथा पंचायत के बीच धमही नदी का पुल टूटा है.


बागमती का जलस्तर बढ़ा
मुजफ्फरपुर में बागमती का जलस्तर बढ़ गया है. बाढ़ का खतरा बढ़ गया है और कटरा पीपा पुल पर पानी चढ़ गया है. आवागमन प्रभावित हो गया है. बड़ी गाड़ियों को पुल पार करने पर रोक 20 से अधिक पंचायत का संपर्क टूट जाने और जान जोखिम में डालकर लोग नदी पार कर रहे है. 


मोतिहारी में बरसात के साथ टूटने लगे बांध
वहीं मोतिहारी में बरसात के साथ बांध टूटने लगे है. जबकि अभी बाढ़ आना बाकी है. हरसिद्धि प्रखंड के मुरारपुर के समीप नहर का बांध टूट गया है. बांध टूटने से करीब 30 एकड़ में लगाई गई धान की फसल बर्बाद हो गई है. नहर के टूटने से मूरापुर अस्पताल से एमएलसी महेश्वर सिंह के घर जाने वाली ढलाई सड़क भी बह गया है. एक दिन पहले उक्त बांध पर मरम्मत भी हुई थी. लेकिन मरम्मत नहर के बांध को टूटने से नहीं रोक सकी. अब किसानों को अपने बर्बाद फसल की चिंता सता रही हैं.


तेजी से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा
वहीं नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रहीं बारिश के कारण तेजी से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. 2 लाख क्यूसेक तक पानी छोड़े जाने की संभावना गंडक दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है. वाल्मीकि नगर स्थित बैराज नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे निगरानी हो रही है. बाढ़ से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग बांधों की सतत निगरानी कर रहा है. 


पहाड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा
सीमावर्ती नेपाल सहित बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में दो दिन से हो रही बारिश से गंडक, सिकरहना, मसान समेत अन्य पहाड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बुधवार की सुबह वाल्मीकि बैराज से लगभग 1.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो इस मानसून सीजन में अभी तक का सबसे अधिक डिस्चार्ज है. नेपाल से छूटे पानी के कारण गंडक बराज का जलस्तर मंगलवार से लगातार बढ़ने के क्रम में है. 


24 घंटे नदी के जलस्तर की हो रही मॉनिटरिंग
नेपाल के नारायण घाट से छूटे पानी का प्रवाह गंडक बराज के रास्ते प्रवाहित होने के कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन सकता है. बाढ़ की संभावना और अनजाने भय और आशंका से लोग प्रभावित हों सकते हैं. लिहाजा वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 24 घंटे नदी के जलस्तर की मॉनिटरिंग और बांधों की सतत निगरानी में जल संसाधन विभाग की टीम जुटी हुई है. 


नेपाल की दो पहाड़ी नदियां कुनौली में हर साल मचाती है तबाही
मानसून की अवधि चल रही है. लिहाजा इस अवधि में हर जगह जलजमाव की स्थिति रहना लाजिमी है. लेकिन जब कोई नदियां हर साल किसी खास इलाके में बाढ़ की स्थिति पैदा करती रहे तो चर्चा करना बेहद जरूरी हो जाता है. दरअसल नेपाल से बहकर आने वाली खासकर दो नदियां खारो नदी और जीता नदी भारतीय प्रभाग के कुनौली में हर वर्ष व्यापक पैमाने पर तबाही मचाता है.


कहते हैं नेपाल के पहाड़ी इलाके में बारिश के बाद इस नदी में प्रायः लबालब पानी भर जाता है. जो नेपाल से बहकर भारत नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र सुपौल जिले के कुनौली में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर देती है. इसकी खास वजह वर्षों पूर्व में कुनौली में बने बॉर्डर सुरक्षा बांध का टूट जाना भी बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों की माने तो बॉर्डर सुरक्षा बांध टूट जाने के कारण कुनौली में नेपाल की दोनों नदियों की धारा संयुक्त होकर एक हो जाती है. जिससे नदी में पानी का वेग बढ़ जाता है और यह धारा बॉर्डर सुरक्षा बांध के टूट जाने के कारण भारतीय प्रभाग के कुनौली इलाके की ओर रुख कर लेती है. जिससे कुनौली का सारा इलाका पल भर में जलमग्न हो जाता है. 


पानी में स्विमिंग करते नजर आ रहे बच्चे
वैशाली उत्तर माध्यमिक विद्यालय महुआ में स्कूल के खेल के मैदान में तीन से चार फीट पानी पूरी तरीके से भरा पड़ा है. उस पानी में दो स्कूली बच्चे नहाते नजर आ रहे हैं. स्कूल तो बंद है भारी जलजमाव की वजह से, लेकिन इन बच्चों को कौन रोके. स्विमिंग करते हुए तस्वीर लोगों के मोबाइल में तेजी से वायरल होती नजर आ रही है. इस तरीके से बच्चे झमाझम बारिश में स्कूल के प्रांगण में लगे पानी में नहा रहे है.


जलजमाव से लोगों को हो रही परेशानी
मानसून की पहली बरसात ने बक्सर नगर परिषद की पोल पट्टी खोलकर रख दी है. बरसात होते ही शहर के कई क्षेत्रों में जल जमा जैसी विकट समस्या उत्पन्न होने लगी है. शहरी क्षेत्र में जलजमाव से निजात दिलाने का दावा नगर परिषद कर रहा था कि शहरी क्षेत्र में जलजमाव की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. लेकिन मानसून की पहली बरसात होते ही जगह-जगह जल जमा होना शुरू हो गया. 


ताजा मामला बक्सर के सेंट्रल जेल रोड के सोमेश्वर स्थान का है. जहां वार्ड एक और छ के बीच सेंट्रल जेल गेट नंबर 2 जाने वाले रास्ते में जलजमाव से लोगों को काफी परेशानियां हो रही है. बक्सर शहरी क्षेत्र के सोमेश्वर स्थान रियासी कॉलोनी बताया जाता है. जहां जल जमा होना नगर परिषद कार्य पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.


पांच दिनों से दुकान में घुसा है गंदे नाले का पानी
बाढ़ अनुमंडल के सकसोहरा बाजार में पांच दिनों से दुकान में गंदे नाले का पानी घुसा है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण दुकानदारों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. बारिश और नाले का पानी मिक्स होने से बाजार में जलजमाव और बदबू से लोग परेशान हैं. बारिश के पहले नाले की सफाई नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है. दुकानदार दुकान तो खोल रहे हैं, लेकिन जलजमाव के कारण लोग खरीदारी के लिए बाजार नहीं आ रहे हैं. दुकानदार चोर उचक्कों से अपने सामान की सुरक्षा के लिए लाठी डंडा लेकर बाजार में तैनात हैं. दुकानदार बाइक और चार पहिया वाहन को बाजार में घुसने से रोक रहे हैं, ताकि गंदे नाले के पानी से दुकान में और अधिक नुकसान न हो. बच्चों को नाले के पानी में घुसकर स्कूल जाना पड़ रहा है. अब तो स्कूली बच्चे भी सरकार से नाले की सफाई को लेकर गुहार लग रहे हैं. 


इनपुट- सीवान से अमित कुमार सिंह, मोतिहारी से पंकज कुमार, बगहा से इमरान अजीज, सुपौल से सुभाष चंद्रा, वैशाली से रवि मिश्रा, हाजीपुर से रवि मिश्रा, बक्सर से अजय राय, बाढ़ से चंदन राय के साथ  


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