Patna: पटना के कई सरकारी अस्पतालों में कोरोना (Corona) काल के चलते पिछले लगभग दो सालों से ऑपरेशन की सुविधा बंद पड़ी है, जिसका खामियाजा गरीब तबके के परिवारों को उठाना पड़ रहा है. ऐसे में जहां एक तरफ निजी अस्पताल वाले गरीब परिवार की इस मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं, तो वहीं सरकार उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं.


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बता दें कि पटना में केवल पीएमसीएच (PMCH) को छोड़कर अन्य बीमार पड़े सरकारी अस्पतालों को अब इलाज की जरूरत आ पड़ी है. पटना का पीएमसीएच ही पूरे पटना जिले में एक ऐसा सरकारी अस्पताल है जहां पर ऑपरेशन की सुविधा बदस्तूर चल रही है. मगर इसके अलावा जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में सिजेरियन बिलकुल बंद है. सिजेरियन बंद होने से ना केवल गरीब मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि सिजेरियन के नाम पर निजी अस्पताल मनमाना दाम वसूल रहे हैं.


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जबसे कोरोना ने दस्तक दी है तभी से पीएमसीएच के अलावा दूसरे सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन ऑपरेशन बंद है. इधर, सिविल सर्जन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने एनेस्थेसिया के डॉक्टरों की कमी को बताया. वहीं, पाटलिपुत्र के सांसद भी मानते है कि सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन बंद होने से गरीबों को दिक्कतों हो रही है. उनका कहना है कि इसे जल्द चालू किया जाएगा.


जानकारी के अनुसार, कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद पटना के आसपास के सरकारी अस्पताल में सिजेरियन के बंद होने से गरीब मरीज जो सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर थे, उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नॉर्मल डिलीवरी के लिए भी निजी अस्पतालों का मुंह ताकना पड़ रहा है. पैसों का दोहन हो रहा है वो अलग. ऐसे में अब सरकार पर ही आसरा है कि जल्द से जल्द सिजेरियन शुरू कराएं.