कैमूर: Sudhakar Singh: किसानों को संबोधित करते हुए बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने विभाग ही नहीं सरकार पर जमकर बरसे है. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि हमारे विभाग के लोग चोर है और हम उन चोरों के सरदार हैं. हमारे ऊपर और भी कई सरदार मौजूद हैं. सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि हमारे विभाग का कोई ऐसा अंग नहीं है, जो चोरी नहीं करता होगा. इस तरह से हम चोरों के सरदार हुए.


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BRBN पर डेढ़ सौ करोड़ की चोरी के आरोप
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बिहार राज्य बीज निगम पर चोरी करने का आरोप भी लगाया. मंत्री ने कहा कि जिन किसानों को धान की अच्छी खेती करनी होती है. वह बिहार राज्य बीज निगम के धान के बीज लेते ही नहीं हैं. अगर किसी कारण वश किसान बीज ले भी जाते हैं तो उसे अपने खेतों में नहीं डालते. बीज निगम वाले किसानों को राहत देने की जगह पर सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये की चोरी कर लेते हैं. 


'किसानों पर कार्रवाई हुई तो चुप नहीं रहूंगा'
किसानों को लेकर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि ट्रक, बाइक और कार पुलिस के लोग पकड़ते रहते थे. मैं किसी की पैरवी नहीं करता था. लेकिन जब किसानों के ट्रैक्टर पकड़ेंगे तो मैं चुप नहीं बैठूंगा. उन्होंने आगे कहा कि मैंने सख्त हिदायत दी है. अगर किसानों के ट्रैक्टर पकड़ लिए गए तो मैं सड़क पर बैठ जाऊंगा. किसान कहां से ट्रक के कागज रखेगा. अगर किसान अपने नियम से चले फिर खाने भर अनाज उपजाए और बेचे नहीं तो क्या करेंगे लोग. सरकार तो वहीं पुरानी है, भ्रष्ट अधिकारी हैं.


बातों-बातों में बोला मंत्री जमा खान पर हमला
मंत्री सुधाकर सिंह ने बिना नाम लिए चैनपुर से विधायक रहे और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी सरकार में यहां से वह मंत्री रह चुके थे. उसके बावजूद यहां के लोगों की स्थिति जब नहीं बदली तो मुझे मंत्री बनाया गया. अब जिले में दो-दो मंत्री आ गए हैं. उसके बाद भी स्थिति नहीं बदलती है तो मेरे मंत्री बनने से क्या फायदा है.


मंत्री ने आगे कहा कि अगर पुतला फूंकते रहिएगा तो मुझे याद रहेगा कि किसान मुझसे नाराज हैं. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो मुझे लगेगा सब चीज ठीक चल रही है. उन्होंने कहा कि लोहिया जी ने ठीक कहा था कि जब संसद हमारी होगी तो लोगों को सड़क पर उतरना चाहिए. हम अकेले सरदार नहीं है. हमारे ऊपर भी कई लोग हैं. जब हम बोलते हैं तो उन्हें लगता है कि अपनी बात बोल रहे हैं. अगर कैबिनेट में अकेले बोलता हूं तो उन्हें लगता है कि इनकी अपनी समस्या है. मंत्री ने कहा धान खरीद में नियम बदलने की बात उन्होंने कहीं लेकिन इसकी चिंता किसी को नहीं.


'किसी की कृपा से नहीं जीते'
इतना सब कहने के बाद मंत्री जी ने ये भी कहा कि वो धरना प्रदर्शन के बदौलत यहां पर आए हैं. किसी की कृपा से नहीं जीते हैं. सरकार के बाहर थे तो भी बोलते थे सरकार के भीतर है तो भी बोलेंगे डरेंगे नहीं. किसानों से उन्होंने कहा कि छलावे और धोखे में नहीं आना है. हमारे विभाग में जो गड़बड़ी हो आप बताइएगा हम सुधारेंगे.


(इनपुट- मुकुल जायसवाल)


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