नीतीश से ज्यादा मेरी हैसियत, जब मैं IAS था तब वो सड़क पर थे: आरसीपी सिंह
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1348924

नीतीश से ज्यादा मेरी हैसियत, जब मैं IAS था तब वो सड़क पर थे: आरसीपी सिंह

आरसीपी सिंह ने कुछ महीने पूर्व जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद से वो लगातार सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. उन्होंने नीतीश पर गद्दार होने का आरोप लगाया है.

नीतीश से ज्यादा मेरी हैसियत, जब मैं IAS था तब वो सड़क पर थे: आरसीपी सिंह

पटना: जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. इसी क्रम में आरसीपी सिंह ने कहा कि वह (नीतीश) मेरी औकात की बात करते हैं, लेकिन यह बात वह भी जानते हैं कि मेरी औकात उनसे ज्यादा है. 

'1982 में जब मैं आईएएस था तब वे सड़क पर थे' 
बिहार में जनसंपर्क यात्रा के दूसरे दिन आरा में आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार मेरी हैसियत की बात करते हैं कि तो मैं बता दूं कि 1982 में जिस वक्त वह सड़क की खाक छान रहा थे. उस समय मैं गांव में बैठकर यूपीएससी (UPSC Exam) की परीक्षा पास कर चुका था. उन्होंने कभी ऐसी परीक्षा नहीं दी होगी. 

1977 में नीतीश की क्या हैसियत थी?
पूर्व मंत्री ने कहा, 'इंजीनियरिंग (नीतीश) करने के बाद एक बार नेवी की परीक्षा दी थी, लेकिन उसमें भी वह फेल  हो गए थे.' आरसीपी ने कहा कि वह (नीतीश) कहते हैं कि उन्होंने मुझे नेता बनाया है, लेकिन वह पैदाइशी नेता नहीं बने थे. वह बताएं कि 1977 में उनकी क्या हैसियत थी? 1980 में चुनाव हार गए थे. वह कहते हैं कि वह जननेता हैं. लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया है.

नीतीश कुमार गद्दार: आरसीपी सिंह
आरसीपी ने इस दौरान नीतीश कुमार पर गद्दार होने का आरोप भी लगाया. आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने एक बार नहीं तीन बार बिहार की जनता के साथ गद्दारी की है, उन्हें धोखा दिया है, वह बात करते हैं मैंने उनके और जदयू के साथ गद्दारी की है. असली गद्दार कौन है, यह प्रदेश की जनता अच्छे से जानती है.

JDU के कई नेता संपर्क में: सिंह
आरसीपी सिंह ने कहा कि आज वे भले ही जेडीयू में नहीं हूं. लेकिन प्रखंड स्तर पर अब भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मेरे साथ खड़े हैं, उन्हें पता है कि उनके साथ कौन खड़ा है. उन सभी से संपर्क करने की कोशिश में लगा हूं. आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे जरुरी है संख्या बल, आपके (नीतीश) पास सांसद कितने हैं, यह भी निर्भर करता है. 

सिंह ने कहा. 'अभी वह (नीतीश) जिस पार्टी के साथ हैं, अगर उनके साथ चुनाव लड़ने जाते हैं, तो बिहार की 40 सीटों में से उनके हिस्से में कितनी सीटें आएंगी. 10-11 सीटें मिलेंगी, उनमें कितनी सीटें आएंगी, यह वक्त बताएगा. लेकिन कुछ सांसदों वाली पार्टी के नेता को कोई कैसे अपना प्रधानमंत्री चुन सकता है. जबकि दूसरे राज्यों में कई प्रादेशिक पार्टियां है, जिनका उन राज्यों में अपना जनाधार है, वह किसी दूसरी पार्टी के साथ अपना जनाधार क्यों बांटेंगी, यह समझा आसान है.' 

Trending news