Bihar News: नीलगाय और जंगली सुअर को मारने के लिए बिहार सरकार एक अभियान चलाने जा रही है. बिहार सरकार इसके लिए पेशेवर शूटर्स की मदद लेने वाली है. बिहार सरकार ने भले ही ये फैसला फसलों को होने वाले नुकसान के मद्देनजर लिया हो, नीतीश कुमार की सरकार में बीजेपी भी शामिल है. बीजेपी गठबंधन की सरकार में नीलगाय की हत्या पर राजनीति शुरू हो सकती है. बता दें कि राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार और कृषि मंत्री मंगल पांडे की अध्यक्षता में हुई संयुक्त बैठक के दौरान राज्य में ‘घोड़परास’ नाम से मशहूर नीलगायों और जंगली सूअरों को मारने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया. बैठक में दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


नीलगाय और जंगली सुअर को मारने का खर्चा बिहार सरकार उठाएगी. सरकार की ओर से इन जानवरों को मारने के लिए शूटर्स की मदद ली जाएगी. इन पशुओं को मारने से लेकर दफनाने तक की पूरी प्रक्रिया में गांव के मुखिया की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में किसान अपनी तैयार फसलों को नीलगाय और जंगली सूअर से बचाने के लिए पूरी रात रखवाली करते हैं. इससे न केवल फसलों को नुकसान होता है बल्कि नीलगाय सड़क हादसों की वजह भी बनती हैं. उन्होंने कहा कि मानव-पशु संघर्ष के कारण कई लोगों की जान भी चली गई है.


ये भी पढ़ें- अशोक चौधरी ने तेजस्वी को समझाया पुल और पुलिया में अंतर, जांच को लेकर दिया अपडेट



बिहार के 34 जिलों में नीलगायों और 30 जिलों में जंगली सूअरों के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है. सरकार के मुताबिक, सूबे के तमाम जिलों में नीलगायों की संख्या करीब 3 लाख और जंगली सूअरों की संख्या 67 हजार है. नीलगायों की वजह से प्रदेश में अरहर और गन्ना की फसलें बर्बाद हो रही हैं. सरकार की ओर से अब संरक्षित क्षेत्र के बाहर पेशेवर शूटर की मदद से इन दोनों प्रजातियों की पहचान करने और उन्हें मारने की अनुमति देने के लिए मुखिया को नोडल प्राधिकारी नियुक्त किया गया है.