Patna: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर मचा रखा है. बढ़ते कोरोना के केस के कारण पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं, इस आपदा के समय हॉस्पिटल में लोग कालाबाजारी के करने से बाज नहीं आ रहे हैं. यहां तक की हॉस्पिटल प्रशासन लोगों को कैशलेस सुविधा मुहैया करवाने में कोताही बरते रहे हैं. इसी को देखते हुए राज्य के पुर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया है.
 
मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोरोना के कहर से लोगों को बचाने में जहां केंद्र और राज्य की सरकारों के साथ-साथ सामाजिक संगठन और औद्योगिक घराने भी पूरी शक्ति से लगे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ निजी अस्पताल और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कोरोना संक्रमितों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने में अडंगा डाल रही है. लोगों को शिकायत ये रहती है कि एक तो चिकित्सा सेवाओं का शुल्क बहुत ऊंची दर पर चार्ज किया जा रहा है और दूसरे नकद भुगतान करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. 


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इधर, मोदी मे दूसरे ट्वीट में लिखा कि कोरोना संकट के इस दौर में स्वास्थ्य बीमा कंपनियां और निजी हॉस्पिटल मानवीय रुख अपनाएं और हर बीमित मरीज को आसानी से कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करें. यदि बीमा कंपनियां और संबंधित अस्पताल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो बीमा नियामक अधिकरण को ऐसे मामलों में तुरंत पीडि़तों के हित में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.  


राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के तरफ से मुहैया करवाए जा रहे कामों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि ऑक्सीजन प्लांट से अस्पतालों तक आक्जीजन पहुंचाने के लिए आइटीसी (ITC) ग्रुप 20 मीट्रिक टन की क्षमता वाले 24 क्रायोजेनिक टैंकर सिंगापुर से मंगा रहा है. टाटा समूह भी दो दर्जन क्रायोजेनिक टैंकर उपलब्ध करा रहा है. केंद्र सरकार को ऑक्सीजन परिवहन की जरूरतों को देखते हुए बिहार को भी कुछ क्रायोजेनिक टैंकर शीघ्र उपलब्ध कराने चाहिए.