Patna: बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों सड़कों पर लगे ब्लैक एंड व्हाइट पोस्टर चर्चा का विषय बने हुए हैं. पोस्टर में कुशवाहा समाज की नाराजगी को दर्शाया गया है. केन्द्रीय मंत्रिमंडल में समाज को जगह नहीं देने का खामियाजा बिहार से लेकर यूपी तक भुगतने की चेतावनी दी गई है. NDA ने इसे विपक्ष की साजिश करार दिया है, वहीं विपक्ष इसे JDU में उपजे विवाद की वजह बता रहा है. 


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पटना में कुशवाहा समाज के साथ नाइंसाफी के लगे पोस्टर


केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार क्या हुआ विवादों की फेहरिस्त सामने आ गई है. नया विवाद कुशवाहा समाज को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिए जाने को लेकर उठ खड़े हुए हैं. पटना में कुशवाहा समाज से जुडे कई संगठनों की ओर से अलग तरह के पोस्टर लगाए गये हैं. इन पोस्टर में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कुशवाहा समाज को जगह नहीं दिए जाने का खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी जा रही है. बिहार से लेकर यूपी चुनाव में भी इसका असर देखने का दावा किया जा रहा है.


'आरसीपी सिंह ने लगवाए पोस्टर'


RJD ने पटना में लगे इन पोस्टरों को आरसीपी सिंह की ओर से शुरू की गई कवायद बताया है. पार्टी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि ये पोस्टर आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बीच उपजे विवाद का नतीजा है. केन्द्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जेडीयू में बडे पैमाने पर नाराजगी है, जिसका असर जल्द देखने को मिलेगा.


'जेडीयू में कलह का नतीजा है पोस्टर'


वहीं, कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा है कि नीतीश कुमार ने हर जगह नालंदा मॉडल को सेट करने की कोशिश की है. सीएम से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक और अधिकारी से लेकर कर्मचारीयों की बहाली तक हर जगह नालंदा मॉडल ही छाया है. जाहिर है, जो समाज नीतीश कुमार की उपेक्षा का शिकार है, उसकी नाराजगी इस तरह सामने आ रही है. JDU का कलह अब खुलकर बाहर आ रहा है।


'CM नीतीश जात की नहीं जमात की राजनीति करते हैं'


वहीं, जेडीयू और बीजेपी ने कुशवाहा समाज के नाम पर हो रही पोस्टरबाजी को विपक्ष की साजिश करार दिया है. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि ये विपक्ष की नाकाम साजिश है. विपक्ष समाज के लोगों के बीच आपसी मतभेद पैदा करना चाहता है. लेकिन विपक्ष को ये समझना चाहिए कि CM नीतीश कुमार जाति की नहीं बल्कि जमात के लिए काम करते हैं.


पोस्टर विपक्ष की साजिश का नतीजा'


बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कुशवाहा पोस्टर को विपक्ष का हथकंडा बताया है. प्रेमरंजन पटेल ने कहा है कि पीएम मोदी समाज के सभी वर्ग की बात करते हैं. सबका साथ सबका विकास हमारा नारा है. केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पूरे भारत की तस्वीर देखने को मिलती है इसलिए जाति के नाम पर पोस्टर लगाने से विपक्ष की दाल नहीं गलने वाली.


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इस वजह से उठा समाज 


दरअसल, कुशवाहा समाज के नाम पर 6 फीसदी वोट बैंक को साधने का मामला है. बिहार में लव-कुश की जोडी 8 से 9 फीसदी वोट बैंक पर अपना प्रभाव रखती है. नीतीश कुमार को बिहार की सत्ता तक लाने में इसी जोडी की अहम भूमिका रही थी.लेकिन समय के साथ कुशवाहा वोट बैंक पर नीतीश कुमार की पकड़ कमजोर पड़ने लगी है. इसी वोट बैंक को साधने के लिए नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव में करारी विफलता के बाद उपेन्द्र कुशवाहा की जेडीयू में वापसी कराई थी. जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष भी कुशवाहा समाज के नेता को बना दिया. लेकिन  केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कुशवाहा समाज के किसी नेता को जगह नहीं दिला पाए, जबकि उनके समाज से आने वाले आरसीपी सिंह केन्द्र में मंत्री बन गए. जिसको आधार बनाकर पटना में कई जगह पोस्टर लगाए हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या वाकई कुशवाहा समाज नीतीश कुमार से नाराज हो गया है या फिर ये पोस्टर नीतीश कुमार को कुशवाहा समाज से दूर करने के लिए विपक्ष की साजिश है.


 


 



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