पटना: पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक संदिग्ध राष्ट्रविरोधी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद एनआईए, आईबी और बिहार पुलिस की एटीएस की संयुक्त जांच में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. मंगलवार को, संयुक्त टीमों ने फुलवारी शरीफ मॉड्यूल के मुख्य आरोपियों में से एक अतहर परवेज के मोबाइल फोन सीडीआर को स्कैन किया जिसमें निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के फोन नंबर और पते की जानकारी मिली.


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सूत्रों ने कहा है कि नुपुर शर्मा पर हमले की साजिश हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, जिन परवेज और अरमान मलिक से पूछताछ की गई, उन्हें शुरू में सुरक्षा अधिकारियों को गुमराह किया. जांच टीम ने जब उनके सामने तकनीकी सबूत रखे तो उन्होंने कुछ चौकाने वाले तथ्य उजागर किए.


सूत्रों ने बताया कि केरल जैसे राज्यों में पीएफआई मजबूत हैं और पटना, पूर्णिया, मोतिहारी, किशनगंज और अन्य जगहों पर पीएफआई शाखाओं में युवाओं के प्रशिक्षण के लिए वहां से प्रशिक्षक बिहार आते थे. आरोपियों के खुलासे के बाद संयुक्त टीम ने राज्य में जांच का दायरा बढ़ा दिया है.


इस बीच, जांच दल ने अदालत में एक याचिका दायर कर मार्गूब उर्फ ताहिर की रिमांड लेने की मांग की, जिस पर गजवा-ए-हिंद नामक एक व्हाट्सएप और फेसबुक ग्रुप चलाने का आरोप है और वह पाकिस्तान और बांग्लादेश के युवाओं के संपर्क में था.


बिहार एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक, मार्गूब पाकिस्तानी नागरिक फैजान के संपर्क में था और उससे रोजाना कोड वर्ड में बात करता था. टीम बातचीत को डिकोड करने की कोशिश कर रही है. संयुक्त टीम उसकी महिला मित्र अलीसा की भी तलाश कर रही है.


संयुक्त टीम ने पिछले सप्ताह फुलवारी शरीफ के पीएफआई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था और 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. वे परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन, अरमान मलिक, मरगूब उर्फ ताहिर, नूरुद्दीन जंगी, शब्बीर मलिक, शमीम अख्तर और ताहिर अहमद सहित 8 को गिरफ्तार करने में कामयाब रहे हैं.


सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर छापेमारी के दौरान संयुक्त टीम ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और पूर्व पुलिस अधिकारी आरबी श्रीकुमार के पोस्टर बरामद किए थे.


(आईएएनएस)