Patna: जब से आरसीपी सिंह (RCP Singh) को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है, तब से JDU के अंदरखाने में घमासान जारी है. रह-रहकर कोई ना कोई मुद्दा सुलग ही रहा है. ताजा मामला प्रदेश कमिटी की बैठक को लेकर जारी लेटर से जुड़ा है. 18 जुलाई को नवगठित प्रदेश कमिटी की बैठक होनी है लेकिन उस बैठक को लेकर जो संशोधित चिट्ठी जारी की गई उसमें से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का नाम गायब है.


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इसे लेकर 16 जुलाई को पटना के JDU ऑफिस में प्रवक्ताओं की बैठक हुई. बैठक में चर्चा की गई, लेकिन आरसीपी सिंह के नाम नदारद रहने का सवाल पूछा गया तो JDU प्रवक्ताओं ने गोलमोल जबाव देना शुरू कर दिया. अब विवाद क्या है यह भी जानना जरूरी है.


बैठक से पहले विवाद
दरअसल, प्रदेश कमिटी की नई टीम बनने के बाद पहली बैठक 18 जुलाई को बुलाई गई है. इस होने वाली बैठक को लेकर पहली बार 10 जुलाई को चिट्ठी जारी की गई. बताया गया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह इसमें वर्चुअली जुड़ेंगे लेकिन ठीक इसके 5 दिन बाद 15 जुलाई को एक और संशोधित चिट्ठी जारी की गई जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम शामिल नहीं किया गया. सवाल यहीं से उठता है कि आखिर क्या हुआ कि 5 दिनों के अंदर ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को हटा दिया गया?


इधर, विरोधियों का कहना है कि JDU के अंदर घमासान मचा है, गुटबाजी चरम पर है. महागठबंधन को लगता है कि 'तीर' के तरकश में तलवारें रखी हुई हैं. इन्हीं तलवारों को लेकर अंदरखाने में गुटबाजी हो रही है.


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वहीं, जब से आरसीपी सिंह ने मोदी कैबिनेट में जगह ली है तब से पार्टी के अंदर सबकुछ सामान्य नहीं है. पार्टी दिग्गज ललन सिंह ने अध्यक्षों के फर्क को बतलाया तभी साफ हो गया कि अंदरखाने में खींचतान है.