Bihar Politics: क्या `टूट` की राह पर JDU! कुशवाहा का होगा आरसीपी सिंह के जैसा हाल?
Upendra Kushwaha: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से उठा पटक देखने को मिल रहा है. मौजूदा हालात को देखते हुए ये सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जदयू टूटने वाला है.
पटना: Upendra Kushwaha: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से उठा पटक देखने को मिल रहा है. मौजूदा हालात को देखते हुए ये सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जदयू टूटने वाला है. दरअसल सीएम नीतीश कुमार ने पिछले साल अगस्त में बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी से हाथ मिलाया था और आठवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अब जदयू में टूट की बात इसलिए सामने आ रही है क्योंकि खुद सीएम नीतीश कह रहे हैं कि उनकी पार्टी से जिसे जाना है जाए. बहुत लोग पार्टी में आते-जाते रहते हैं.
कुशवाहा का होगा आरसीपी सिंह के जैसा हाल
नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा का नाम लिए बगैर कहा कि जेडीयू का कोई नेता बीजेपी के संपर्क में नहीं है. जो रहता है इस तरह की बातें भा वही करता है. अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस उपेंद्र कुशवाहा के बयान से बिहार के सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है क्या उनका हाल भी जदयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह की तरह होने वाला है? या फिर मौजूदा हालात जेदयू में फूट का इशारा कर रही है?
आरसीपी सिंह ने परेशान होकर दिया इस्तीफा
बता दें कि कभी नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे और जेडीयू के राष्ट्रीय पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह को इतना परेशान कर दिया गया कि उन्होंने अंत में पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अब सवाल ये है कि क्या उपेंद्र कुशवाहा का हाल भी आरसीपी सिंह जैसा होगा? नीतीश कुमार के लिए कुशवाहा वोट बैंक इतना जरूरी है अगर कुशवाहा को पार्टी से निकाल देते हैं तो वो उनकी वोटबैंक खराब हो सकती है.
क्या है जदयू का प्लान?
नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा दोनों नेता अपनी बातों को रखने के लिए मीडिया का सहारा ले रहे हैं.क्या नीतीश की पार्टी का ये प्लान है कि कुशवाहा को इतना साइड कॉर्नर में कर दिया जाए कि वो खुद ही पार्टी से निकल जाएं? लेकिन कुशवाहा मानने वाले नहीं है और वो रोज कुछ न कुछ ऐसा बयान देते हैं जिससे कि ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार पर वो भारी पर रहे हैं.
क्या कुशवाहा समझ गए हैं नीतीश की चाल?
बता दें कि जदयू के उपेंद्र कुशवाहा ही ऐसे नेता हैं जिन्होंने जेडीयू और आरजेडी के मर्जर को लेकर सवाल उठाया था और उन्होंने ने तो ये तक कह दिया था कि ऐसा नीतीश कुमार को नुकसान होगा. कुशवाहा को दोनों पार्टी की मर्जर की बात की भनक लग गई और उन्होंने बयान दे दिया. कुशवाहा ने इस दौरान कई बार कहा है कि वो बीजेपी में नहीं जाएंगे. तो अब सवाल ये है कि क्या कुशवाहा ने अपनी जगह तलाशने के लिए भंडाफोड़ कर दिया? क्या उनके खिलाफ किए जा चाल को समझ गए हैं?