Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है. पौष माह में कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि (एकादशी) को हर साल मनाया जाने वाला यह व्रत सभी प्रयासों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है. भक्त भगवान विष्णु से आशीर्वाद पाने, अपनी इच्छाओं को पूरा करने और शांति और समृद्धि प्राप्त करने के इरादे से यह व्रत रखते हैं. सफला एकादशी का पालन करने से पापों का नाश होता है और आध्यात्मिक प्रगति और मुक्ति (मोक्ष) का मार्ग प्रशस्त होता है.
तो आइए जानते हैं कि वृंदावन में साल की आखिरी एकादशी कम है? और क्या है पारण का समय?
राधारमण मंदिर के पूज्य गोस्वामी आचार्य श्री पुण्डरीक जी महाराज के अनुसार, सफला एकादशी 26 दिसंबर 2024 यानी गुरुवार को है. वहीं, श्री श्री 108 श्री विनोद बाबा जी महाराज(बरसाने वाले) के प्रिया कुंज आश्रम में भी सफला एकादशी 26 दिसंबर को है. तो व्रत भी फिर गुरुवार को ही रखा जाएगा. मथुरा में व्रत के पारण का समय 27 दिसंबर को प्रात: 7.12 से 9.53 तक का है और कोलकाता में प्रात: 6.22 से 9.53 तक का है.
श्री मलूकपीठ में भी 26 दिसंबर 2024 गुरवार को सफला एकादशी है. तो इसी दिन व्रत रहेगा. श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के इंस्टाग्राम पेज पर ये जानकारी दी गई है. बताया गया कि अगले दिन (शुक्रवार) को पारण का समय सूर्योदय के पश्चात रहेगा.
सफला एकादशी की पूजा विधि
इस शुभ दिन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, भक्तों को भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करना चाहिए.
सुबह उठकर क्या करें?
-सुबह जल्दी उठें और ब्रह्म मुहूर्त (सुबह होने से पहले) में स्नान करें.
-साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल तैयार करें.
-स्वच्छ वेदी या मंच पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
-दीपक जलाएं और धूपबत्ती अर्पित करें.
भगवान विष्णु को भोग लगाएं
-तुलसी के पत्ते, फूल, फल और मिठाई चढ़ाएं.
-विष्णु सहस्रनाम (भगवान विष्णु के 1,000 नामों का एक भजन) का जाप करें या भगवान विष्णु की कथा सुनें.
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