RCP सिंह के मंत्री बनने से JDU में बदलाव की सुगबुगाहट, इस दिग्गज नेता को मिल सकती है पार्टी की कमान
बिहार (Bihar) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर सरकार चला रहे जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष RCP सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद उनकी अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में पड़ती नजर आ रही है.
Patna: बिहार (Bihar) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर सरकार चला रहे जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष RCP सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद उनकी अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में पड़ती नजर आ रही है. जदयू की 31 जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है. माना जा रहा है इस बैठक नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर भी लग सकती है. सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिलने के बाद से ही पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है. रविवार को जदयू के नवमनोनीत प्रदेश पदाधिाकरियों की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आर सी पी सिंह ने जरूर भाग लिया, लेकिन कई वरिष्ठ नेता बैठक से दूरी भी बना ली.
जदयू के एक नेता नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताते हैं कि आरसीपी सिंह को भी इस बात का इशारा मिल चुका है कि उन्हें पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत का पालन करना होगा. इस सिद्धांत के बाद सिंह के अध्यक्ष पद की कुर्सी जाना तय माना जा रहा है.
सिंह ने भी पार्टी की रविवार को हुई बैठक में इसके साफ संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी तय करेगी तो मैं अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी मजबूत साथी को देने में पीछे नहीं हटूंगा. संगठन है तभी पार्टी है, तभी मैं मंत्री और हमारे नेता मुख्यमंत्री हैं.
इधर, जदयू के अगले अध्यक्ष को लेकर उपेंद्र कुशवाहा के नाम की चर्चा जोरों पर है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के जदयू में विलय के बाद जदयू में शामिल होने के बाद कुशवाहा को पार्टी में प्रभाव बढ़ता जा रहा है.सूत्रों का कहना है कि इससे आरसीपी सिंह का खेमा नाराज है.
पार्टी की 31 जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक होने वाली है, सभी की नजर अब उस बैठक पर टिक गई है. इस बैठक में पार्टी के सभी 75 सदस्यों को शामिल होने की संभावना है. कहा जा रहा है कि इस दिन पार्टी के नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी.
जदयू के एक नेता भी कहते हैं कि पार्टी का अध्यक्ष वहीं होगा, जो नीतीश कुमार के भरोसे का होगा और संगठन को बढ़ाने और मजबूत करने का अनुभव होगा. ऐसे में कुशवाहा का नाम सबसे आगे माना जा रहा है, कुशवाहा न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसे के व्यक्ति माने जाते है, उन्हें संगठन चलाने का भी अनुभव है.
कहा जा रहा है कि कुशवाहा को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर नीतीश जातीय समीकरण भी दुरूस्त करना चाहेंगे. वैसे, मुंगेर के सांसद ललन सिंह को भी जदयू का अध्यक्ष बनाकर नीतीश एक खास वर्ग को खुश करने की जुगत लगा सकते हैं. ललन सिंह भी नीतीश के काफी करीबी माने जाते है.
(इनपुट:आईएएनएस)