पटना: बिहार में गंगा सहित सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है राजधानी पटना में गंगा और पुनपुन खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा नदी से सटे शहर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पानी का फैलाव तटीय और दियारा क्षेत्रों में तेजी से हो रहा है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण मुंगेर, भागलपुर और पटना के तटवर्ती इलाकों में पानी फैल रहा है. स्थिति को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. भागलपुर शहर के बूढ़ानाथ, बरारी, बाबूपुर सहित कई इलाकों में पानी घुस गया है.


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जल संसाधन विभाग के मुताबिक, सोमवार को गंगा नदी पटना के गांधी घाट पर खतरे के निशान से 82 , दीघा घाट पर 19 और हाथीदह में 68 सेंटीमीटर ऊपर थी. पुनपुन भी पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. भागलपुर के कहलगांव में गंगा 47 सेंटीमीटर से ऊपर बह रही है. इसके अलावा गंडक, कोसी, बागमती और कमला बलान कई स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही है. कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि, बागमती सोनाखान, कटोंझा तथा बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर है. कोसी नदी खगड़िया के बलतारा और कुर्सेला तथा गंडक नदी डुमरिया घाट में खतरे के निशान से ऊपर है.


घाघरा नदी सीवान के दरौली में खतरे के निशान से 31 सेंटीमीटर ऊपर है. कोसी नदी का बीरपुर बैराज के पास जलस्राव सोमवार को 2,07,895 क्यूसेक पहुंच गया है. वाल्मीकि नगर बराज में गंडक का जलस्राव 1,24,000 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया. खगड़िया में बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश कर चुका है. कटिहार जिला के बरारी प्रखंड क्षेत्र के मोहना चांदपुर पंचायत में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. कुरसेला, अमदाबाद और मनिहारी के निचले इलाके में लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है.


इनपुट- आईएएनएस


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