समस्तीपुरः बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर अक्सर सवाल उठता रहता है. ऐसा पहली बार नहीं है, जब शिक्षा व्यवस्था को लेकर बिहार सवालों के घेरे में नजर आ रहा है. एग्जाम पेपर लीक तो कभी परीक्षाओं में चीटिंग होने को लेकर खबर वायरल होती रहती है. अब एक बार फिर बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ाई जाने वाली किताब में एक बड़ी गलती सामने आई है. जिसमें राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को उल्टा छापा दिखाया गया है. बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन (BSTBPC) ने सातवीं कक्षा की संस्कृत की किताब में ये गलती की है.  


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किताब में तिरंगे को दर्शाया गलत
बताते चले कि कक्षा सातवीं की संस्कृत की किताब में चतुर्थ: पाठ: "स्वतंत्रता दिवस:" में पृष्ठ संख्या-26 पर इस गलती को नोटिस किया गया है. किताब में तिरंगा को गलत दर्शाया गया है. जिसमें ध्वज के शीर्ष पर हरा रंग और नीचे केसरिया रंग छाप दिया गया है. 


वेबसाइट पर इसे सुधार दिया गया 
हालांकि वेबसाइट पर इसे सुधार दिया गया है, लेकिन पब्लिकेशन द्वारा किताबों पर गलत तिरंगा छाप दिया गया है. जो कही न कंही पब्लिकेशन के साथ-साथ विभाग की बड़ी लापरवाही है कि इन किताबों को स्कूल में भेजने के पहले इसकी पड़ताल क्यों नही की गई. हैरानी की बात यह है कि किताब छपने के बाद बच्चों को वितरित करने के लिए स्कूलों तक पहुंच गईं और वहां से बच्‍चों को भी बांट दी गईं.


शिक्षकों ने बताई प्रिंटिंग की त्रुटि 
वहीं विद्यालय के शिक्षक इसे प्रिंटिंग की त्रुटि बता रहे है. उनका कहना है कि बच्चों और शिक्षक की शिकायत के बाद विभाग को अवगत करा दिया गया है. 


13.66 लाख किताबों में गलती
बता दें कि किताब में राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगे को गलत छापने की गलती 13.66 लाख किताबों में की गई है. इस साल इस बुक की 13 लाख 36 हजार 99 प्रतियां छापी गई है. पुस्तक के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार है.  
इपनुट- संजीव नैपुरी


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