Patna: बिहार में अधिकारियों की लापरवाही की वजह से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (National Scholarship Portal ) पर आवेदन अपलोड नहीं होने के कारण तीन साल से बिहार के एससी-एसटी (SC-ST) छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है.


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हाईस्कूल के बाद केंद्र और राज्य सरकार की ओर से एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है, जिसका लाभ बिहार नहीं ले पा रहा है. सरकार की ओर से पोर्टल में तकनीकी खामी को कारण बताया जा रहा है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर तकनीकी खामी कब दूर होगी. वहीं, इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है.


अब मामला सामने आने के बाद यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है. तीन साल से पोर्टल की खराबी को नहीं दूर किया जा सका है. विपक्ष निशाना साध रहा है. वहीं, सरकार ने विपक्ष के सवालों पर कहा कि जल्द इसका समाधान होगा.


इस पोर्टल पर आवेदन नहीं होने की वजह से हाईस्कूल पास करने के बाद एससी-एसटी के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पा रहा है. इस स्कॉलरशिप का फायदा उस छात्र को मिलता है, जिनके परिवार की आमदनी साल में 2.5 लाख रुपये से नीचे हैं. उन्हें आगे पढ़ने के लिए सरकार की ओर से स्कॉलरशिप दी जाती है, जिसका 75 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देती है.


इस स्कॉलरशिप के तहत 25 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार को देना होता है, लेकिन बिहार में इसके लिए बना पोर्टल पिछले तीन साल से नहीं खुल रहा है. इसकी वजह से स्कॉलरशिप का लाभ लेने से बिहार के एससी-एसटी छात्र वंचित रह जा रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर विपक्षी राजद सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है.


सरकार की ओर से टेक्निकल फॉल्ट की वजह से पोर्टल नहीं खुलने की बात कही जा रही है, जिसको दूर करने के लिए विभाग की ओर से पत्र लिखा गया है. यह सवाल उठता है कि तीन साल में एक टेक्निकल फॉल्ट नहीं ठीक हो पाया. इसके पीछे की वजह क्या है? इससे सत्ताधारी दल के नेता भी आश्चर्यचकित हैं और मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं.