बिहार शिक्षक अभ्यर्थीयों को नौकरी मांगने पर मिली लाठी, बढ़ी तेजस्वी की चुनौतियां
तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार के समय बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया और बार-बार बेरोजगारों के प्रति सहानुभूति जताई, लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी ब्यूरोक्रेसी तक उनकी ये भावना नहीं पहुंच पाई है.
पटना: पटना के डाक बंगला चौराहे पर सड़क पर लेटा हुआ दरभंगा का अनीसुर रहमान हाथ में तिरंगा और जुबां पर मांग..नौकरी दे दो. वो नौकरी जिसके लिए रहमान ने 2020 में परीक्षा पास की थी. लेकिन ADM केके सिंह को ये नागंवार गुजरा. उन्हें रहमान के प्रदर्शन से इतना ऐतराज था कि वो लाठियां बरसाने लगे.
ऐसा लगता है कि बिहार में सत्ता की सूरत बदली लेकिन सीरत नहीं. तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार के समय बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया और बार-बार बेरोजगारों के प्रति सहानुभूति जताई, लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी ब्यूरोक्रेसी तक उनकी ये भावना नहीं पहुंच पाई है.
रहमान के जिस्म पर पड़ी लाठियां तो आपने शायद देखी होंगी लेकिन उसकी रूह पर पड़े जख्मों को भी जानिए तब दर्द का अहसास होगा. रहमान जिन लोगों के साथ नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहा था उन्होंने सितंबर 2020 में STET और BTET परीक्षा पास की थी. ऐसे करीब 5000 अभ्यर्थी हैं.
आज तक नहीं हुई बहाली
ये परीक्षा सबसे पहले जनवरी 2020 में हुई थी. ऑफलाइन हुई इस परीक्षा को गड़बड़ी की शिकायत के बाद रद्द कर दिया गया. फिर ऑनलाइन परीक्षा सितंबर 2020 में हुई लेकिन बहाली आजतक नहीं हो पाई. ये अभ्यर्थी कई बार प्रदर्शन कर चुके लेकिन इनकी मांगें नहीं मानी गईं.
शिक्षा विभाग में खाली है सबसे अधिक पद
अब कोई एडीएम साहब से पूछे कि परीक्षा पास करने के बाद भी इन्हें नौकरी नहीं मिली तो किसकी गलती है? क्या एडीएम साहब को ये पता है कि बिहार में सबसे ज्यादा सरकारी पदों पर रिक्तियां शिक्षा विभाग में है, वही शिक्षा विभाग जहां ये लोग नौकरी चाह रहे हैं. क्या लाठियां भांजने वालों को पता है कि जुलाई में बिहार में बेरोजगारी दर 18.8% था जो कि राष्ट्रीय औसत 7.7% से दोगुने से ज्यादा है.
शिक्षकों के 1.80 लाख पद खाली
एक तरफ बिहार के युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं और दूसरी तरफ सरकारी विभागों में थोक के भाव में पद खाली पड़े हुए हैं. नेशनल करियर सर्विस पोर्टल के मुताबिक शिक्षकों के 1.80 लाख पद खाली हैं. पुलिस महकमे में 47 हजार से ज्यादा पद खाली हैं.
डॉक्टरों के 6565 पद खाली हैं यानी सरकारी अस्पतालों में कुल वैकेंसी के आधे पद. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में 50 हजार पद खाली हैं. जिला और सचिवालय के दफ्तरों में भी करीब एक लाख पद खाली हैं.
तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि दस लाख सरकारी नौकरियां देंगे. हम ये समझते हैं कि अगर वो इस वादे पर सीरियस हैं भी तो ये सब पलक झपकते नहीं होगा. लेकिन कम से कम एक बात तो तुरंत हो ही सकती है कि अफसरों और पुलिस को ये हिदायत दी जाए कि बेरोजगारों के जख्मों पर लाठियों से नमक तो न छिड़का जाए.
ठीक है कि सरकार ने इस लाठीचार्ज पर जांच बिठा दी है लेकिन उसे गारंटी लेनी चाहिए ताकि ऐसी जांच की नौबत ही न आए और उसे भरोसा देना चाहिए कि ऐसे प्रदर्शन की नौबत ही न आएगी.