Bihar Teacher News: मुजफ्फरपुर में शिक्षकों पर DEO का दबाव, प्रधानाध्यापकों के लिए आई नई चुनौती, जाने पूरा मामला
Bihar Teacher News: अपार आईडी छात्रों के लिए एक खास पहचान है, जिससे वे अपनी पढ़ाई से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं. यह प्रक्रिया छात्रों के लिए आसान और पारदर्शी बनाने के लिए शुरू की गई है. इसमें उनकी शिक्षा से जुड़ी सभी जानकारी सुरक्षित रहती है, जो आगे चलकर उनके लिए बहुत फायदेमंद होगी.
Bihar Teacher News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी और निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के सामने एक नई चुनौती आ गई है. जिले के डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) अजय कुमार सिंह ने सभी विद्यालयों को दो दिनों के भीतर छात्रों की अपार आईडी बनाने का काम पूरा करने का सख्त निर्देश दिया है. अपार आईडी, छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड का एक यूनिक 12-अंकों का पहचान पत्र है, जिसमें उनकी पहली से 12वीं तक की शिक्षा का पूरा विवरण होगा.
डीईओ ने शूरू की नई सख्ती
डीईओ ने इस काम की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए सभी सरकारी, गैर-सरकारी, प्रारंभिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि नए सत्र में नामांकित छात्रों का डाटा यू-डायस पोर्टल पर तुरंत दर्ज करें. जिन छात्रों ने पांचवीं, आठवीं या दसवीं के बाद स्कूल बदला है, उनका डेटा भी इम्पोर्ट कर जल्द से जल्द अपार आईडी बनानी होगी.
प्रधानाध्यापकों को मिली चेतावनी
डीईओ ने स्पष्ट किया है कि यू-डायस पोर्टल और ई.शिक्षाकोष पोर्टल पर दर्ज डाटा में कोई अंतर नहीं होना चाहिए. उन्होंने निर्देश दिया कि जो छात्र अब स्कूल में नहीं हैं और यू-डायस पर दर्ज हैं, उनका विवरण सही कर उनकी स्थिति अपडेट करनी होगी. यदि विद्यालय ने यह कार्य समय पर नहीं किया, तो संबंधित प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जानें अपार आईडी का महत्व
अपार आईडी छात्रों के लिए एक अनूठी पहचान है, जिससे वे अपना शैक्षणिक विवरण ऑनलाइन देख सकते हैं. यह प्रक्रिया छात्रों के लिए पारदर्शिता और सहूलियत लाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इसमें उनकी शिक्षा से संबंधित सभी जानकारियां संरक्षित रहती हैं, जो भविष्य में उनके लिए बेहद उपयोगी होंगी.
डीईओ की अंतिम चेतावनी
अजय कुमार सिंह ने कहा कि अगर दो दिनों के भीतर सभी स्कूल अपार आईडी बनाने का काम पूरा नहीं करते हैं, तो प्रशासन सख्त कदम उठाएगा. यह आदेश न केवल छात्रों के डाटा को व्यवस्थित करने के लिए है, बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
स्कूलों की क्या है जिम्मेदारी
शिक्षा विभाग की इस पहल से स्कूल प्रशासन पर दबाव जरूर बढ़ा है, लेकिन यह छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए एक अहम कदम है. प्रधानाध्यापकों को चाहिए कि वे तेजी से इस कार्य को पूरा करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी छात्र इस प्रक्रिया से वंचित न रहे.
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