पटना:  देश में कहीं भी पेपर लीक का मामला सामने आता है, तो उसमें अक्सर बिहार का नाम जुड़ जाता है. हाल ही में नीट, यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा या बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा जैसे मामलों में पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं. इस बार बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने पेपर लीक को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और नए प्रयोग कर रहा है. आगामी टीआरई-3 परीक्षा के लिए BPSC ने फुलप्रूफ इंतजाम किए हैं, जिससे पेपर लीक की संभावना काफी कम हो जाएगी.


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BPSC ने इस परीक्षा के लिए विशेष कदम उठाए हैं. एक सेट के बजाय कई सेट के प्रश्नपत्र अलग-अलग सेटरों से सेट कराए गए हैं और अलग-अलग प्रिंटरों से छपवाए गए हैं. प्रिंटर से सीधे ये प्रश्नपत्र सभी जिलों के ट्रेजरी में भेज दिए जाएंगे. हर प्रश्नपत्र सेट पर अलग-अलग कलर कोड होंगे और परीक्षा शुरू होने से तीन घंटे पहले जिलों के डीएम को उनके जिले में इस्तेमाल होने वाले प्रश्नपत्र के कलर कोड की जानकारी दी जाएगी. इसके बाद उसी कलर कोड वाले प्रश्नपत्र को ट्रेजरी से निकालकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे पेपर लीक की आशंका लगभग समाप्त हो जाएगी.


पटना में मंगलवार को BPSC कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में BPSC के अध्यक्ष रवि मनुभाई परमार ने पेपर लीक को रोकने के लिए किए गए बड़े बदलावों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्रों का कलर कोड एक भी हो सकता है या दो-तीन से चार-पांच तक भी. अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग कलर कोड इस्तेमाल किए जा सकते हैं और कुछ जिलों के समूह के लिए एक कलर कोड और अन्य जिलों के समूह के लिए दूसरा या तीसरा कलर कोड भी हो सकता है. BPSC अध्यक्ष ने बताया कि एक ही जिले के कुछ केंद्रों पर एक कलर कोड के प्रश्नपत्र और अन्य केंद्रों पर दूसरे कलर कोड के प्रश्नपत्रों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने इसे 'एलीमेंट ऑफ सरप्राइज' कहा और बताया कि यह पद्धति आयोग की आने वाली सभी परीक्षाओं में लागू की जाएगी. हर परीक्षा में आयोग कोई नया प्रयोग करेगा ताकि प्रश्नपत्र लीक होने से रोका जा सके.


बता दें कि तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा, जो 15 मार्च को पेपर लीक के कारण रद्द हो गई थी, उसकी पुनर्परीक्षा 19 जुलाई से शुरू हो रही है. यह परीक्षा 19, 20, और 21 जुलाई को एकल पाली में 12:00 से 2:30 बजे तक और 22 जुलाई को दो पालियों में आयोजित की जाएगी. पहली पाली 9:30 से 12:00 बजे तक और दूसरी पाली 2:30 से 5:00 बजे तक होगी. इस बार BPSC ने प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग कंटेनर ट्रक की व्यवस्था की है, जिनमें जीपीएस ट्रैकर लगे होंगे और प्रिंटर के तीन ताले और आयोग का एक ताला होगा. सभी ताले डिजिटल होंगे और आयोग का ताला बिना काटे खोला नहीं जा सकेगा.


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