पटनाः बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है. इसे छोटे सत्र में वित्तीय वर्ष 2022 -2023 के द्वितीर्य अनुपूरक व्यय विवरणी सदन पटल पर रखा जायेगा साथ ही, राजकीय विधिक, राजकीय कार्य समेत कई महत्वपूर्व चर्चा इस दौरान होनी है, लेकिन बीजेपी ने विधिव्यवस्था समेत कई महत्वपूर्व मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. सरकार इस सत्र को लेकर हर स्तर से तैयारी कर चुकी है. 


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पांच कार्यदिवस का होगा सत्र
जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है, कुल पांच कार्यदिवस वाले इस छोटे सत्र में पहले दिन शपथ या प्रतिज्ञान होगा और महामहिम राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियां सदन पटल पर रखी जाएंगी. वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी को सदन पटल पर रखा जायेगा और शोक प्रकाश के साथ पहले दिन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी. दूसरे और तीसरे दिन राजकीय विधिक और अन्य राजकीय कार्य हैं जबकि शुक्रवार को यानि सत्र के चौथे दिन वित्तीय वर्ष 2022 -23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद, मतदान और उससे जुड़े विनियोग विधेयक लाए जाएगे.


सरकार को घेरेगी विपक्ष
विपक्ष इस सत्र के दौरान राज्य में विधि व्यवस्था और शिक्षक अभ्यर्थी, बीपीएसी के अभ्यर्थियों का मुद्दा समेत जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की योजना बना रखी है और इसकी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक मंगलवार को साढ़े तीन बजे आयोजित की गयी है. 
नेता प्रतिपक्ष पहले ही कह चुके हैं कि अभ्यर्थियों का मुद्दा अब बीजेपी का मुद्दा है और इसको लेकर सदन चलने नहीं दिया जायेगा, इस मसले पर सत्ता पक्ष भी तैयार है और जेडीयू जहाँ हर सवाल का जबाब देने की बात कह रही है वही कांग्रेस अपने तरीके से तंज कसते हुए बीजेपी को नैतिकता का हवाला दे रही है 


शीतकालीन सत्र के पांचवे और अंतिम दिन सोमवार को गैर सरकारी सदस्यों के कार्य यानि गैर सरकारी संकल्प लिए जायेगा, शीतकालीन सत्र छोटा है लेकिन काफी महत्वपूर्ण है और बदले हुए राजनैतिक समीकरण के साथ तीन विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव परिणाम के बाद यह आहूत हैं ऐसे में तीन नए सदस्य भी इस सत्र के दरम्यान सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.


रिपोर्टः रजनीश