पटना : Corona Effect : बिहार में कोरोना संक्रमण के मामलों के साथ युवाओं में हार्ट अकैट के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार राज्य में 15 से 40 साल के युवाओं को दिल की बिमारी से खतरा है. बता दें कि हार्ट अटैक के लक्षण वाले व्यक्ति विशेष प्रकार के होते है और यहां तक कि एक ही व्यक्ति को दिल का दौरा पिछली बार पड़ा दौरे से अलग हो सकता है. छाती में दर्द या दबाव दिल का दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण है. अगर समय रहते हुए इस बीमारी का इलाज नहीं किया गया तो मृत्यु होने की भी संभावना होती है.


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हार्ट अटैक बढ़ने का क्या है मुख्य कारण
वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुसार कोरोना के साथ-साथ कोरोना संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. खासकर युवाओं में हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं. बता दें कि पिछले कुछ सालों में लोगों की लाइफ स्टाइल में काफी बदलाव हुआ है. लोगों को गलत खान पान,टेंशन, ब्लड  प्रेशर और मोटापा के चलते हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पुरुष के लिए 45 वर्ष से ज्यादा और महिलाओं के लिए 55 वर्ष से अधिक उम्र होने पर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है. साथ ही व्यस्त जीवन शैली के कारण अनियमित आहार, जंक फूड खाना या अधिक मसालेदार भोजन दिल के दौरे का कारण बनता है. हार्ट अटैक का उच्च जोखिम विरासत में भी मिल सकता है. उच्च रक्तचाप के वजह से हृदय पर अनावश्यक तनाव रहता है. इसके अलावा अधिक मात्रा में वजन बढ़ जाने से दिल पर जोर पड़ता है. साथ ही धूम्रपान और मादक द्रव्यों का सेवन करने वालों को दिल के दौरे का खतरा होता है और शिफ्ट कार्यरत लोग जो भी तनावपूर्ण कार्य करते हैं या जो अपने व्यक्तिगत जीवन में लम्बे समय तक तनाव से गुजरते है वे दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं.


हार्ट अटैक के लक्षण की कैसे करें पहचान
बता दें कि दिल का दौरा पड़ने वाले लक्षण व्यक्ति विशेष भिन्न प्रकार के होते हैं और यहां तक कि एक ही व्यक्ति का दिल का दौरा पिछली बार पड़ा दौरे से अलग हो सकता है. सीने में दर्द या दबाव दिल का दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण है. हार्ट अकैट की शुरुआती पहचान और शीघ्र उपचार के लिए दिल के दौरे के लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है. ध्यान रखें आपके रोजमर्रा की जिंदगी में आप अपने सेहत का भी उतना ही ख्याल रखें जितना आप अपने अपनों का रखते है.


हार्ट अटैक का ऐसे कर सकते है इलाज
बता दें कि दिल के दौरे का इलाज से ज्यादा बचाव जरूरी होता है. दौरा पड़े ऐसा मौका आने से पहले डॉक्टर्स का सुझाव लें. चेस्ट एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम, एंजियोग्राम, कार्डिएक सी.टी. या एम.आर. आई इत्यादि के जरिये रोगनिर्णय करना आज के समय में बहुत ही आसान है. सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज कमजोर पड़ना और बेचैनी होने जैसी हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों को पहचानें. साथ ही लोगों से अपील है कि समय रहते डॉक्टर तथा अस्पताल से संपर्क करें.


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