उचित मुआवजे को लेकर किसानों ने शुरू किया आंदोलन, गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बल के लिए किया था भूमि अधिग्रहण
राजधानी पटना के बिक्रम प्रखंड अंतर्गत पतूत गांव में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा सीमा सुरक्षा बल के नए केएलपी परिसर के लिए भूखंड का अधिग्रहण किया गया था. जिसको लेकर किसानों के द्वारा उचित मुआवजे की मांग की जा रही है. जिसके तहत किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है.
Patna: बिहार की राजधानी पटना के बिक्रम प्रखंड अंतर्गत पतूत गांव में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा सीमा सुरक्षा बल के नए केएलपी परिसर के लिए भूखंड का अधिग्रहण किया गया था. जिसको लेकर किसानों के द्वारा उचित मुआवजे की मांग की जा रही है. जिसके तहत किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. जिससे निर्माण कार्य में रुकावट आ सकती है. वहीं, पतूत गाँव के किसानों ने अधिकारियों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पटना के जिलाधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
70 एकड़ जमीन पर किया अधिग्रहण
दरअसल, भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा बल के नए केएलपी परिसर बनाने के लिए बिहार सरकार से बिक्रम प्रखंड अंतर्गत पतूत गांव में लगभग 70 एकड़ जमीन अधिग्रहित कराया है. शनिवार को अधिग्रहित भूखंड की नापी कराने पहुंचे अंचलाअधिकारी और अन्य अधिकारी को गांव के किसानों का आक्रोश झेलना पड़ा. जहां उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि सरकारी दर काफी कम है. जहां कृषि और आवासीय भूखंड का अलग-अलग सरकार दाम तय करती है, लेकिन जो भी जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है उसमें मुआवजे को लेकर विवाद शुरू हो गया है. जिसे लेकर किसानों ने विभाग के मंत्री सहित कई वरीय अधिकारी को पत्र लिखा है. हालांकि उसके बाद भी कोई अधिकारी गांव में नहीं पहुंचे. यहां तक कि पटना डीएम द्वारा पत्र के जरिए जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई, लेकिन अभी तक रिपोर्ट भी बनाकर नहीं भेजी गई है.
किसानों ने की उचित मुआवजे की मांग
किसानों का कहना है कि जमीन देने के लिए तैयार हैं,लेकिन जो जमीन सड़क किनारे है, उसका अलग रेट होना चाहिए. इसके अलावा जो जमीन पीछे है उसका अलग रेट होना चाहिए. वहीं, विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों में श्रीकांत शर्मा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल के नए क्षेत्रीय मुख्यालय का निर्माण होना है. जिसके लिए बिहार सरकार द्वारा भूखंड अधिग्रहण किया जा रहा है. सभी किसान जमीन के उचित मुआवजे को लेकर कर अधिग्रहण का विरोध रहे हैं. आवासीय दर से सभी किसानों के भूखंड का मुआवजा मिलनी चाहिए, नहीं तो आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन होगा.
वहीं, विरोध में पहुंची स्थानीय महिला ने बताया कि उसका 10 बीघा भूखंड इसमें जा रहा है, लेकिन जो जमीन सड़क पर है उसका रेट और जो जमीन पीछे है उसका भी रेट सामान रूप से मिल रहा है. उन्होंने बताया कि मुआवजे को लेकर बेटा हार्ट अटैक से मर गया और अब बस एक पोता बचा है. सरकार आवासीय दर से भूखंड का मुआवजा दें तभी सभी लोग जमीन देंगे अन्यथा विरोध जारी रहेगा.
आंदोलन तेज करने की कही किसानों ने बात
वहीं, विवाद को लेकर विक्रम राजस्व अंचल के प्रभारी अंचलाधिकारी कन्हैया लाल ने कहा कि जब बिहार सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी किया था, उस समय आवासीय और गैर आवासीय दोनों की रिपोर्ट दी गई थी. अब जब जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हुआ, तभी से कई किसान गैरआवासीय को आवासीय करने पर दबाव बना रहे है, जिसे लेकर विवाद शुरू है. अंचलाधिकारी ने कहा कि यह काम उनका नहीं बल्कि विभाग का है. हालांकि इसकी जानकारी वरीय अधिकारी को दी गई है. अधिकारी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि 70 एकड़ जमीन में कई किसानों ने जमीन की मुआवजा राशि ले ली है. लेकिन कुछ किसान है इसका विरोध कर रहे. फिलहाल किसानों का विरोध जारी है और भविष्य में उनका आंदोलन तेज होने की प्रबल संभावना है.
(रिपोर्ट-शशांक शेखर)