पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना 'बॉयफ्रेंड बदलने वाली लड़की' से करने वाले विवादित बयान पर अब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की सफाई सामने आई है. लेकिन उन्होंने जो सफाई दी है उससे नया विवाद खड़ा हो गया है.


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'भारतीय नारी का करते हैं सम्मान'
विजयवर्गीय ने कहा, 'मेरे बयान को पूरा जानने के बाद भी जो सवाल उठा रहे हैं वो नासमझ हैं. मेरा बयान बहुत स्पष्ट था कि विदेश के मेरे एक मित्र ने कहा, उस मित्र के बयान को मैंने आप लोगों के सामने सुनाया. जहां तक नारी शक्ति का सवाल है तो हम उनका सम्मान करते हैं. नारी हमारे लिए पूजनीय है और कम से कम भारतीय नारी के लिए हम सबका बहुत सम्मान है. ये जो मैंने विषय उठाया था ये मेरा नहीं था मेरे एक दोस्त ने जो प्रतिक्रिया व्यक्त की थी वो आप तक पहुंचाया था.'


सफाई पर शुरू हुआ विवाद
हालांकि, बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय की इस सफाई पर भी नया विवाद शुरू हो गया है. नया विवाद ये कि क्या विजयवर्गीय ये कहना चाहते हैं कि वो सिर्फ भारतीय नारियों का ही सम्मान करते हैं. जो महिलाएं भारतीय नहीं हैं, क्या वो भारतीय नारी की तुलना में कम सम्मान की हकदार हैं? 


क्यों है पूरा मामला?
दरअसल, गुरुवार को इंदौर में जब बिहार में सत्ता परिवर्तन को लेकर विजयवर्गीय से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'बिहार में जब सरकार बदली तो मैं विदेश में था. उस वक्त वहां किसी ने कहा कि विदेश की लड़कियां कभी भी अपना बॉयफ्रेंड बदल लेती हैं, बिहार के सीएम भी ऐसे ही हैं, न जाने किसका हाथ पकड़ें या छोड़ दें.'


विजयवर्गीय का विवादों से पुराना नाता
वैसे कैलाश विजयवर्गीय का विवादों से पुराना नाता है. एक बार होली मिलन के एक कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को 'महिलाओं का शौकीन' बताया था.


वहीं, एक बार उन्होंने कहा था- 'महिलाओं को ऐसा श्रृंगार करना चाहिए, जिससे श्रद्धा पैदा हो, न कि उत्तेजना. कभी कभी महिलाएं ऐसा श्रृंगार करती हैं, जिससे उत्तेजित हो जाते हैं लोग. बेहतर है कि महिलाएं लक्ष्मण रेखा में रहें.'


विजयवर्गीय जब मध्य प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री थे तो उन्होंने कहा था-'महिलाओं को नैतिक सीमाएं लांघने पर दंड मिलता है. विजयवर्गीय ने कहा था कि महिलाएं मर्यादा में रहें वरना रावण हरण के लिए आएगा. हर व्यक्ति के लिए लक्ष्मण रेखा खींची गई है. उस लक्ष्मण रेखा को पार करने पर रावण सामने बैठा है. वो सीता हरण कर ले जाएगा.'


महिलाओं पर कैलाश विजयवर्गीय के इन तमाम बयानों को क्या मतलब निकाला जाए, ये दर्शक बड़ी आसानी से समझ सकते हैं. लेकिन इतना तो तय है कि महिलाओं के बारे में ऐसी और इतनी तरह की राय जो विजयवर्गीय देते हैं, उससे उनके बारे में भी एक राय बनती है.


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