Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि भाजपा को 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था . भाजपा से नाता तोड़ कर मंगलवार को विपक्षी पार्टी राजद के साथ हाथ मिलाने वाले मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी अपने पूर्व उपमुख्यमंत्री द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए की. 


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सुशील के बारे में सवालों के जवाब में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'वह एक प्रिय मित्र रहे हैं. उन्हें मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया. अगर उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया होता तो चीजें इस स्तर पर नहीं पहुंचतीं.. कुमार यह कहते रहे हैं कि वह 2020 में उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री बने रहने के मूड में नहीं थे, लेकिन भाजपा के नेताओं के आग्रह पर उन्होंने ऐसा किया . पिछली राजग सरकार में सुशील मोदी के बजाय तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. 


ललन सिंह ने साधा बीजेपी पर निशाना


ललन सिंह  ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का गठन 1996 में हुआ था और उस समय, आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जॉर्ज फर्नांडीस नेता थे. जद-यू अगले 17 वर्षों के लिए एनडीए से जुड़ा था. और 17 सेकंड के लिए अलग नहीं हुए. कारण अटल जी, आडवाणी जी, एम.एम. जोशी जी, और जॉर्ज साहब गठबंधन सहयोगियों का सम्मान कर रहे थे. उन नेताओं के पास गठबंधन सहयोगियों का सम्मान करने के सिद्धांत थे. उन्होंने कहा, "और अब क्या हुआ है.. भाजपा अपने गठबंधन सहयोगियों की पीठ में छुरा घोंप रही है."


(इनपुट: भाषा)