पटना :  BPSC PT Exam: 68 वीं बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा आज समाप्त हो गई है. परीक्षा 12 बजे से दो बजे तक चली, इससे पहले सुबह 9 बजे से 11 बजे तक परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर प्रवेश दिया गया. इस बार इस परीक्षा को लेकर आयोग की तरफ से विशेष सतर्कता बरती गई. क्योंकि 67वीं  BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो जाने के बाद बिहार सरकार की जमकर फजीहत हुई थी और इसके साथ ही इसको लेकर सड़कों पर छात्रों का हंगामा भी खूब बरपा था. 


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इस बार BPSC पीटी परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया है. बीपीएससी के इतिहास में पहली बार इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग लागू की गई है. 324 सीटों के लिए आयोजित होनेवाली इस परीक्षा के लिए 4 लाख 34 हजार 661 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जबकि आयोग की तरफ से इस परीक्षा के लिए 850 केंद्र बनाए गए थे. वहीं परीक्षा से पहले ही आयोग ने ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करनेवालों के खिलाफ भी सख्त निर्देश जारी किया था. 


बता दें कि ऐसे में रविवार को आयोजित इस परीक्षा में परीक्षा केंद्रों पर अनोखा नजारा देखने को मिला, यहां कोई घर से झूठ बोलकर तो कोई मंदिर जाने का बहाना बनाकर परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पर पहुंचा था. वहीं कोई अपने मासूम बच्ची को गोद में उठाए परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पर पहुंची थी. कोई अपने पति के साथ परीक्षा केंद्र पर आई थी. किसी का यह पहला अटेम्प्ट था तो कोई दूसरी या तीसरी बार इस परीक्षा में प्रवेश पा रहा था. 


यहां परीक्षा केंद्र पर पहुंचे कुछ परीक्षार्थी ने बताया कि वह घर से झूठ बोलकर परीक्षा देने आए हैं. तो किसी ने कहा कि वह घर से कहकर आई है कि वह मंदिर जा रही है लौटने में देर हो जाएगी. कारण पूछने पर इन लोगों ने बताया कि एक तो एग्जाम का प्रेशर ऊपर से नाते-रिश्तेदार के सवालों का प्रेशर. ऐसे में परीक्षा के प्रेशर को झेलना ही ठीक है. इससे कम से कम परीक्षा की तैयारी पर तो असर नहीं पड़ रहा. नहीं तो लोगों के सवालों के प्रेशर से तैयारी पर असर पड़ता है. वहीं कई लड़कियां परीक्षा केंद्र पर अपने पति के साथ नजर आईं तो वहीं कई लड़कियां अपने मासूम को गोद में उठाए भी परीक्षा केंद्र के समीप दिखीं. 


नेगेटिव मार्किंग को लेकर छात्रों की प्रतिक्रिया अच्छी थी. परीक्षार्थियों ने कहा कि इससे पढ़ाई करनेवालों को ज्यादा फायदा होगा. ऊपर से जो लोग अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के साथ इस परीक्षा में बैठ जाते थे उनकी संख्या में भी कमी आएगी. परीक्षा के पैटर्न में बदलाव से कट ऑफ पर भी असर पड़ेगा और प्रश्न भी थोड़े सामान्य होंगे. ऐसा छात्रों को लग रहा था. 


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