मुंगेरः कहते हैं कि इरादे पक्के हो और हौसले बुलंद हो तो कोई भी चीज नामुमकिन नहीं होती. जिंदगी में आने वाली हर बाधा को आप अपने दृढ़ निश्चय से पार कर सकते हैं. दरअसल, हम मुंगेर की दीक्षा की बात कर रहे है. उन्होंने बिहार न्यायिक सेवा में अत्यंत पिछड़े वर्ग से 12वीं और सामान्य वर्ग में 272वीं रैंक हासिल की है. 


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परीक्षा के लिए की थी जमकर पढ़ाई 
बता दें कि मुंगेर की दीक्षा ने पहले ही प्रयास में 272वीं रैंक हासिल की है. दीक्षा ने साल 2015 में जमालपुर के नोट्रेडम एकेडमी से 12वीं करने के बाद चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी पटना से वकालत की पढ़ाई की. जिसके बाद साल 2022 में 31वीं बिहार न्यायिक सेवा की वैकेंसी निकली हुई थी. दीक्षा ने इसका फॉर्म भरने के बाद जमकर पढ़ाई की और लिखित परीक्षा पास कर ली. 


माता-पिता से मिली प्रेरणा 
दीक्षा का कहना है कि उनकी इस सफलता के पीछे केवल उनकी ही मेहनत नहीं बल्कि माता-पिता, दोस्त और शिक्षक का भी योगदान है. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने वकालत की पढ़ाई की हुई है, इसलिए दीक्षा की भी वकालत करने की इच्छा थी. 


बाकी छात्रों को दिया संदेश
दीक्षा ने बाकी दूसरे छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि वह लड़की हैं, लेकिन उन्‍हें कभी किसी तरह का बंधन नहीं रहा. उन्होंने कहा कि अगर मैं कहीं अच्छे काम के लिए बाहर जा रही हूं, तो समाज क्या कहेगा, इतना सोचने की जरूरत नहीं है. बस मन लगाकर पढ़ते रहें. समाज में कौन क्या कह रहा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. बता दें कि दीक्षा तीन बहनें हैं, जिसमें वह सबसे बड़ी है. उनकी दोनों छोटी बहनें इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन कर रही है.


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