BPSC 66th success story: BPSC की परीक्षा पास करना किसी भी अभ्यर्थी के लिए एक सपने के सच होने जैसा होता है. आज हम आपको मयंक प्रकाश की सफलता की कहानी बताएंगे, जिन्होंने 66वीं BPSC परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में 14वां स्थान प्राप्त किया और स्टेट टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर बने. मयंक बिहार के पूर्णिया जिले से हैं. उन्होंने जागरण जोश के साथ बातचीत में अपनी सफलता का अनुभव साझा किया.


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मयंक का शैक्षणिक और पेशेवर सफर
मयंक के बारे में बता दें कि उनका जन्म बिहार के पूर्णिया में हुआ. उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल, पूर्णिया से और 12वीं की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो से की. इसके बाद उन्होंने बैंगलोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.ई किया. वर्तमान में वे बेंगलुरु में एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. 


पहला प्रयास और तैयारी की शुरुआत
मयंक ने बताया कि यह उनका पहला प्रयास था और उन्होंने परीक्षा की तैयारी 6 महीने पहले ही गंभीरता से शुरू की थी. उन्होंने कोचिंग संस्थान की बजाय सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया और ज्यादातर ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग किया. Google और YouTube जैसे प्लेटफार्म्स से उन्होंने काफी मदद ली.


दिनचर्या और पढ़ाई का समय
मयंक ने बताया कि नौकरी में होने के कारण दिन में 3-4 घंटे ही पढ़ाई कर पाते थे. शनिवार और रविवार का समय अपनी पढ़ाई के लिए अधिक उपयोग किया. उनके अनुसार, समय की कमी के बावजूद अनुशासित तरीके से पढ़ाई करने से सफलता मिलती है.


इंटरव्यू की तैयारी
उन्होंने बताया कि इंटरव्यू की तैयारी अपने प्रोफाइल के आधार पर की. अपने जिले, नौकरी, ग्रेजुएशन के विषय और वैकल्पिक विषयों पर ध्यान दिया. इसके साथ ही करंट अफेयर्स पर भी तैयारी की. उन्होंने न्यूजपेपर से करंट अफेयर्स पढ़ने की आदत बनाई और इसके अलावा ऑनलाइन मॉक इंटरव्यू का भी अभ्यास किया. साथ ही मयंक से इंटरव्यू में ज्यादातर प्रश्न उनके वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र, वर्तमान नौकरी और करंट अफेयर्स पर पूछे गए, जैसे कि ज्ञानवापी मुद्दा, श्रीलंका संकट और वैक्सीन कार्यक्रम से जुड़े सवाल.


पारिवारिक सहयोग
मयंक ने बताया कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उनकी तैयारी में बहुत मदद की. उनके पिता बीएनएमयू, मधेपुरा में प्रोफेसर थे और अब वे नहीं रहे. उनकी मां ने गृह विज्ञान में एमए किया है और एक गृहिणी हैं. उनकी तीन बड़ी बहनें हैं जो सरकारी बैंक और मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करती हैं. मयंक ने कहा कि उनके परिवार ने हमेशा उन्हें सामाजिक कार्यों में योगदान देने की प्रेरणा दी और उनके फैसलों में साथ दिया.


आगे की क्या है योजना
मयंक बिहार में स्टेट टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर के रूप में कार्य करना चाहते हैं और अपने राज्य की सेवा करने का लक्ष्य रखते हैं. उनका सपना है कि वे एक अच्छे सिविल सेवक बनें और समाज के लिए काम करें. उन्होंने बीपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सुझाव दिया कि वे कुछ ही स्रोतों को फॉलो करें और उन्हीं पर टिके रहें. परीक्षा की तैयारी के दौरान मानक संसाधनों का उपयोग करें और पाठ्यक्रम पर फोकस करें. यह समझना जरूरी है कि क्या नहीं पढ़ना है.


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