Bihar: एनकाउंटर में मारे गए नक्सली सुरेश राजभर के भाई को पुलिस ने किया गिरफ्तार, लंबे समय से थी तलाश
बक्सर पुलिस के हाथों बड़ी कामयाबी लगी है. बक्सर पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर के भाई मुन्ना राजभर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने इसके साथ इसके एक अन्य सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है.
बक्सरः बिहार की बक्सर पुलिस के हाथों बड़ी कामयाबी लगी है. बक्सर पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर के भाई मुन्ना राजभर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने इसके साथ इसके एक अन्य सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से हथियार और बाइक के अलावा कई कागजात भी बरामद किए हैं.
मुन्ना राजभर पर जिले की 5 हत्याओं का था आरोप
आपको बताते चलें कि मुन्ना राजभर पर जिले में 5 हत्याओं का आरोप है. जिसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस के मुताबिक उसने जिले के राजपुर थाना के लक्ष्मणपुर डेरा गांव में इन हत्याओं की वारदात को अंजाम दिया था. दरअसल इसी गांव में बरसों पहले उसके भाई सुरेश राजभर समेत छह अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था और यह ऑपरेशन लगभग 32 घंटे से भी अधिक समय तक चला था. उस समय जिन अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मारा था. उनका शव लेने के लिए भी कोई सामने नहीं आया था. बताया जाता है कि मोना राजभर का भाई सुरेश राजभर लंबे समय से अपना नाम और पता बदल कर पहचान छुपाए हुए पुलिस की नजरों से बच रहा था. सरकार ने इसके ऊपर इनाम की भी घोषणा की थी.
मामले की जानकारी देते हुए बक्सर एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सुरेश राजभर का भाई मुन्ना राजभर अपनी पहचान छुपा कर अलग-अलग ठिकाने बदल रहा था. लेकिन पुलिस उसकी तलाश में लंबे समय से लगी हुई थी. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपने साथियों के साथ किसी जगह पर देखा गया है. जिसके बाद पुलिस ने मुख्यालय डीएसपी और सदर डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. जिसमें एसपी के स्पेशल फोर्स डीआईयू को भी शामिल किया गया. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. एसपी के मुताबिक गिरफ्तारी के दौरान भी मुन्ना राजभर अपनी पहचान छुपाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद जब सत्यापन किया तो सारा सच सामने आ गया.
अक्सर इलाके में सक्रिय था अपराधी
मुन्ना राजभर की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है क्योंकि फेरारी के बाद से ही वह अक्सर इलाके में सक्रिय था और आपराधिक घटनाओं के साथ-साथ रंगदारी जैसे मामलों में भी उसके नाम सामने आ रहे थे. हालांकि पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद भी वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा था. हालांकि अब उसकी गिरफ्तारी के बाद जो लोग भी इनके गोलियों के शिकार हुए हैं. उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली है.
(इनपुट-रवि मिश्रा)
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