पटना: CAG Report Patna Smart City: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया कि दोषपूर्ण वित्तीय प्रबंधन, संबंधित अधिकारियों द्वारा तैयार की गई खराब योजना और अव्यवहार्य परियोजनाओं को शामिल करने के कारण पटना में ‘स्मार्ट सिटीज मिशन’ के तहत काम अधूरा रह गया. एक रिपोर्ट के अनुसार, अपर्याप्त वित्तीय प्रबंधन, खराब योजना और असाध्य परियोजनाओं को शामिल करने से देरी और अधूरी परियोजनाएं हुई हैं. 


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सूची में अव्यवहार्य परियोजनाओं को किया गया शामिल 
बिहार विधानसभा में बृहस्पतिवार को पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रारंभिक रूप से स्वीकृत 44 परियोजनाओं की सूची में अव्यवहार्य परियोजनाओं को शामिल किया गया, जो कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड (पीएससीएल) और बिहार सरकार के शहरी विकास तथा आवास विभाग (UD&HD) की खराब योजना का संकेत देता है. 


पीएससीएल का वित्तीय प्रबंधन भी था दोषपूर्ण 
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया कि पीएससीएल का वित्तीय प्रबंधन भी दोषपूर्ण था क्योंकि निधि अस्वीकृत परियोजनाओं लगा दी गई और गलत उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए थे. 


29 परियोजनाओं को कर दिया गया रद्द 
वहीं भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2022 तक 44 स्वीकृत परियोजनाओं में से 29 शुरू नहीं की जा सकीं क्योंकि वे अव्यवहार्य पाई गईं इसलिए पीएससीएल ने उच्चाधिकार समिति की मंजूरी के साथ 1,816.82 करोड़ रुपये की इन 29 परियोजनाओं को रद्द कर दिया. 


अनुबंध प्रबंधन संबंधी परेशानियां 
रिपोर्ट ने बताया गया कि पूरी योजना अपने वांछित उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाई. कार्य के दायरे को अंतिम रूप दिए बिना विक्रेताओं को मोबिलाइजेशन अग्रिम दिए गए, जिससे परियोजना के क्रियान्वयन में और जटिलताएं आई.
इनपुट- भाषा के साथ 


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