Patna: केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के बीच बिहार को शानदार तोहफा दिया है. इस बारे में बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर इस साल बिहार की पंचायती राज संस्थाओं को मिलने वाली 3,709 करोड़ की राशि में से कोरोना से मुकाबले के लिए पहली किस्त के तौर पर उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक 741.8 करोड़ रुपये बिहार के लिए जारी किए गए.


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केंद्र सरकार ने तमाम शर्तों को शिथिल करते हुए दो माह पहले ही जारी कर दी है. इसके पहले विगत 2 मई को राज्य आपदा राहत कोष में भी केंद्र ने बिहार को 566.40 करोड़ रुपये दिया है जिसकी आधी राशि कोविड की रोकथाम पर खर्च की जा सकती है.


उन्होंने केंद्र से आग्रह किया है कि पंचायती राज संस्थाओं की तरह ही 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर इस साल शहरी निकायों को मिलने वाली 1827 करोड़ की राशि की पहली किस्त भी तत्काल जारी की जाय.


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सांसद सुशील मोदी ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को यह राशि अमूमन जून के अंत में  विगत वर्ष प्राप्त राशि के खर्च की कम से कम 20 प्रतिशत ग्राम पंचायतों की औपबंधिक अंकेक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जारी की जाती है.


मगर कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शर्त्तों को शिथिल कर दो माह पूर्व ही पहली किस्त की राशि के तौर पर 25 राज्यों के लिए 8923.8 करोड़ रुपये केंद्र ने जारी कर दिया है. यह अनटाइड (UNTIDE) ग्रांट है, जिसका इस्तेमाल पंचायती राज संस्थाएं अन्य कार्यों के अलावा कोविड महामारी से मुकाबले के लिए भी कर सकती है.