Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, कूटनीति, नीति शास्त्र या राजनीति शास्त्र के सिद्धांत दिए हैं जिसे लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. चाणक्य के नीति शास्त्र के सिद्धांत आज दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रासंगिक हैं.  चाणक्य ने जहां लोगों के जीवन से जुड़े हर पहलू पर अपनी बात रखी हैं वहीं उन्होंने पति-पत्नी के संबंधों को लेकर भी अपने नीति शास्त्र में कई बातें कही है. चाणक्य ने किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को कैसे बेहतर बनाना है इसके बारे में कई बातें बताई है. ऐसे में वैवाहिक जीवन में आ रही छोटी-बड़ी हर समस्या का समाधान बताया गया है. 


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चाणक्य अपने नीति शास्त्र में कहते हैं कि शिष्य यदि मूर्ख हो और स्त्री यदि चरित्रहीन तो ऐसों का पालन-पोषण करने से एक सक्षम मनुष्य को भी जिंदगी में कष्ट झेलना पड़ता है. चाणक्य की मानें तो स्त्री अगर कठोर वचन बोले, मित्र अगर दुष्ट स्वभाव का हो, जिस घर में सांपों का बसेरा हो ऐसे में जीवन गुजारना मौत के समान है.


ऐसी स्त्री के संग रहने से बचें
चाणक्य अपने नीति शास्त्र में कहते हैं कि जिस घर में दुष्ट स्त्री के साथ बसर करना पड़ता है, वहां परिवार के मुखिया की हालत मृतक के समान हो जाती है. क्योंकि ऐसी स्त्री पर किसी का वश नहीं चलता और वह पुरुष उस स्त्री के इस व्यवहार की वजह से अंदर ही अंदर परेशान होता चला जाता है और अंततः उसका जीवन मृत्यु की तरफ बढ़ जाता है. अगर इसी तरह मित्र भी दुष्ट स्वभाव का हो तो आप उसपर विश्वास नहीं कर सकते हैं और वह आपको कभी भी धोखा देख सकता है. 


अपनी रक्षा करें और धन का संचय जरूर करें
चाणक्य की मानें तो जीवन को बंहतर तरीके से गुजारने के लिए धन का संचय जरूर करना चाहिए, साथ ही अपनी स्त्री की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए क्योंकि चाणक्य कहते हैं कि वह व्यक्ति बुद्धिमान होता है तो विषम परिस्थितियों के लिए धन संचय करता है. इसके साथ ही हर पुरुष को अपनी पत्नी की रक्षा के लिए लिए काम करना चाहिए क्योंकि पत्नी हर विषम परिस्थिति में पति के साथ खड़ी होती है. इसके साथ चाणक्य ये भी कहते हैं कि पुरुष को इन सब के साथ अपनी रक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए. 


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