Chanakya Niti: इस कारण समय से पहले बूढ़ी हो जाती हैं महिलाएं ! पुरुषों और घोड़ों के बारे में भी ये कहती है नीति
Chanakya Niti: भारत ही नहीं दुनिया के पहले अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाजशास्त्री, नीतिशास्त्री माने जाने वाले आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जनता है. आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र मानव जीवन को बेहतर और बेहतर बनाने के लिए काफी हैं.
पटना : Chanakya Niti: भारत ही नहीं दुनिया के पहले अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाजशास्त्री, नीतिशास्त्री माने जाने वाले आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जनता है. आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र मानव जीवन को बेहतर और बेहतर बनाने के लिए काफी हैं. मानव जीवन में चाणक्य की नीतियों को स्थापित कर या इसपर चलकर आप अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के जरिए मनुष्य के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई कठिन संदेश दिए हैं.
ये नीतियां पहले भी तर्क संगत थे और आज भी मानव जीवन में उन सिद्धांतों का उतना ही महत्व है. ये कठोर विचार जो मानव जीवन को लेकर आचार्य चाणक्य ने दिए हैं यही मानव जीवन की सच्चाई है. इन विचारों को अगर आपने आत्मसात कर लिया तो आप अपने जीवन को बेहतर से बेहतरीन बना सकते हैं. जीवन की हर कठिन परिस्थितियों में ये नीति शास्त्र के ज्ञान आपको अच्छा करने को प्रेरित करेंगे और आपकी जिंदगी सामान्य से ज्यादा बेहतर हो जाएगी.
आचार्य चाणक्य की इन नीतियों को जीवन में उतारकर हर कोई जीवन के बीच आनेवाली समस्याओं को खत्म कर और समस्या से निकलकर बाहर आ सकते हैं. अपने नीति शास्त्र के चौथे अध्याय में आचार्य चाणक्य बताते हैं कि क्यों स्त्री और पुरुष जल्दी बूढ़े हो जाते हैं और किन कारणों को सही से हैंडल किया जाए तो आपका बुढ़ापा जल्दी आपके पास नहीं फटकेगा. इस चौथे अध्याय के 17वें श्लोक में आचार्य चाणक्य ने स्त्री, पुरुष और घोड़े के जल्द बुढ़ा होने के बारे में बताया है. चाणक्य के इस श्लोक की मानें तो ऐसा करके आप बुढ़ापे के जल्द आने से बच सकते हैं.
अधवा जरा मनुष्याणां वाजिनां बन्धनं जरा।
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणामातपो जरा।।
पुरुष को इसलिए जल्द घेरता है बुढ़ापा
चाणक्य के अनुसार लगातार यात्रा में रहनेवाले लोग समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं. उनका मानना है कि लगातार यात्रा की थकान और अव्यवस्थित खान-पान और रहन-सहन आपको जल्दी बूढ़ा बना देता है. यह आपकी सेहत पर विपरीत असर डालता है. ऐसे में आप जल्दी बुढ़ापे का शिकार हो जाते हैं.
घोड़े को बनाया पालतू तो हो जाएगा बूढ़ा
घोड़े के बारे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वह स्वच्छंद विचरण करनेवाला प्राणी है. ऐसे में कहा जाता है कि वह कभी बूढ़ा नहीं होता, लेकिन घोड़े को पालतू बना दिया जाए और उसे खूंटे से बांधकर रखा जाए तो वह बुढ़ापे का शिकार होने लगता है. उसके शरीर में बुढ़ापा धीरे-धीरे घर करने लगता है.
स्त्रियों में इस वजह से जल्द आता है बुढ़ापा
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के जरिए स्त्रियों के बुढ़ापे के आने के बारे में भी जिक्र किया है. यह थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन यह आज भी सच है. चाणक्य कहते हैं कि अगर स्त्री को अपने पति से शारीरिक संतुष्टि नहीं मिलती है तो उसका बुढ़ापा उसको घेरने लगता है और ऐसे में ऐसी महिलाएं जल्द बूढ़ी दिखने लगती हैं. चाणक्य ने इसके साथ ही लिखा है कि मनुष्य के कपड़े धूप के कारण जल्दी फट जाते हैं अर्थात धूप उन्हें जल्दी बूढ़ा कर देती है.
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