Chhapra News: केके पाठक सर ध्यान दीजिए! छपरा में सरकारी स्कूल के बच्चे बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. अगर आपको भरोसा नहीं है, तो एक बार आप मशरक प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चरिहारा कन्या का दौरा कर लीजिए. आपको शिक्षा विभाग की सारी खामियां देखने को मिल जाएंगी. चलिए पूरे मामले को जानते हैं.


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बिहार में शिक्षा में सुधार के लिए केके पाठक लगातार नए प्रयोग कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की तरफ से नए-नए नियम बनाये जा रहे, लेकिन कई विद्यालय में बुनियादी सुविधा भी मयस्सर नहीं है. अब छपरा के मशरक प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चरिहारा कन्या को देख लीजिए. यहां पर लगा हैण्डपम्प करीब छह महीनों से खराब पड़ा हुआ है, जिस कारण बच्चों को पानी पीने के लिए जान जोखिम में डालकर रेलवे ढाला पर रेल के चापाकल पर जाते हैं. तमाम शिकायतों के बावजूद भी अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है. 


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वहीं विद्यालय की प्रधानाध्यापिका फुलमाला सिंह ने बताया कि इस विद्यालय मे पानी के साथ-साथ शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. शौचालय दूसरे के खेत में बना दिया गया है, जिसमें जाने का रास्ता नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि जमीन मालिक ने उस शौचालय में ताला लगा दिया है, जिससे बच्चों को इसका लाभ भी नहीं मिलता, जबकि इस विद्यालय में एक शिक्षक और दो महिला शिक्षिका भी हैं. उसके बाद भी इतनी बदतर हालत है. 


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प्रधानाध्यापिका फुलमाला सिंह ने कहा कि कभी-कभी तो शौच लगने के बाद बच्चे को घर भी भेज दिया जाता है. ग्रामीणों का आरोप हैं कि अधिकारियों को बच्चों की समस्या से कोई मतलब नहीं है. ग्रामीणों ने डीएम से स्कूल में लगे सरकारी हैड़पंप को ठीक कराये जाने की मांग की है.


रिपोर्ट: राकेश कुमार सिंह