Yamuna Water Toxic Foam: आज यानी सोमवार (20 नवंबर) के सूर्योदय के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया. उगते सूर्य को अर्घ्य देते ही छठ पूजा संपन्न हो गई. छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय-खाय से शुरू हुई थी. दूसरे दिन खरना हुआ, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न हो जाती है. अब सालभर बाद फिर से इस महापर्व को मनाया जाएगा. देशभर में राज्य सरकारों द्वारा छठ के त्योहार को लेकर खास तैयारियां की गई थीं. आज के दिन दिल्ली से छठ पूजा की जो तस्वीरें सामने आईं, उसने ना सिर्फ छठी व्रतियों को निराश किया बल्कि केजरीवाल सरकार की पोल खोलकर रख दी.


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दिल्ली में छठी व्रती महिलाओं ने यमुना के गंदे और जहरीले पानी में उतरकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. सफेद झाग वाले इस पानी में उन्हें स्नान भी करना पड़ा. यमुना नदी के पानी को देखकर साफ पता चलता है कि यह कितना प्रदूषित और जहरीला है. ANI न्यूज एजेंसी द्वारा शेयर की गईं ये तस्वीरें कालिंदी कुंज घाट की हैं. बता दें कि झाग वाले जहरीले पानी में भारी मात्रा में फॉस्फेट मिला हुआ है. इस पानी में नहाने से छठी व्रतियों को स्किन संबंधी रोग और सांस संबंधित बीमारियां हो सकती हैं.


 



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यमुना नदी का पानी पिछले साल भी ऐसा ही था, जब छठ पूजा के दौरान लोगों को झाग वाले गंदे व जहरीले पानी में खड़े होकर पूजा करना पड़ा था. दिल्ली के मुख्यमंत्री पिछले 9 साल से यमुना को साफ करने की बात कर रहे हैं. वे लगभग हर चुनाव में यमुना को साफ करने का वादा करते हैं. चुनाव के वक्त केजरीवाल लोगों को सपना दिखाते हैं कि वे यमुना को इतना साफ कर देंगे कि उसके पानी से लोग आचमन (पीने) लगेंगे. इन तस्वीरों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि केजरीवाल के वादे और दावे दोनों खोखले हैं. यमुना की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, बल्कि वो पहले से ज्यादा गंदी हो चुकी है.