Chhath Puja: छठ पूजा 2023 का आयोजन 17 नवंबर से होने जा रहा है और यह अहम हिन्दू त्योहार है जो भारत के उत्तरी भागों में खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह पूजा सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा का महत्वपूर्ण रूप से आयोजन करती है, और इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है.


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बता दें कि छठ पर्व के पहले दिन व्रती नहाय-खाए के रूप में आचरण करते हैं. घर की सफाई के बाद व्रती स्नान करते हैं और शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं. इसके बाद ही छठ का व्रत शुरू होता है. दूसरे दिन व्रती खरना रखते हैं, जिसका अर्थ होता है उपवास करना. सुबह व्रती स्नान करके पूरे दिन का उपवास रखते हैं और शाम को पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर बनाते हैं.


तीसरे दिन छठ पूजा की मुख्य तिथि मानी जाती है. इस दिन व्रती श्रद्धा के साथ पूजा की तैयारी करते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर जाते हैं. सूर्योदय का समय शाम 5 बजकर 26 मिनट है. चौथे दिन व्रती सूर्योदय से पहले ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद व्रती प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करते हैं. सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 47 मिनट है.


छठ पूजा का यह आयोजन व्रती को संतान की दीर्घायु, सौभाग्य और खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है और यह महिलाओं द्वारा 36 घंटे का निर्जला व्रत के साथ मनाया जाता है.


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