पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल बैगलेस सुरक्षित शनिवार की शुरुआत की थी. शिक्षा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इसकी शुरुआत की. आश्चर्य है कि, पटना के सरकारी स्कूलों में बच्चों को इसकी जानकारी ही नहीं है. शिक्षकों के मुताबिक, जब तक विभाग से आधिकारिक जानकारी नहीं मिलती है, तब तक बैगलेस सुरक्षित शनिवार की योजना लागू नहीं की जा सकती है. 


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मुख्यमंत्री की योजना नहीं हुई शुरू
पटना के गांधी मैदान से सटे श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बैगलेस सुरक्षित शनिवार का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. मकसद है बस्ते के बोझ से आजादी, लेकिन पटना के सरकारी स्कूलों में अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजना की शुरुआत नहीं हुई है. पटना के पुनाईचक में स्थित मध्य विद्यालय में बच्चे बैग के साथ स्कूल पहुंचे थे. उन्हें पता ही नहीं था कि, बैग के साथ नहीं आना है. दूसरी ओर इस स्कूल के सहायक शिक्षक बृजभूषण पांडेय कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिलने की बात कह रहे हैं. 


बैगलेस शनिवार की जानकारी से बच्चों ने किया इनकार
यही स्थिति बालक मध्य विद्यालय अदालतगंज की भी दिखी. शनिवार को वैसे भी बच्चों की हाजिरी कम होती है, लेकिन जो भी बच्चे दिखे वो बैग के साथ दिखे. यहां भी बच्चों ने बैगलेस सुरक्षित शनिवार की जानकारी होने से इनकार किया. बच्चों ने कहा कि, पता ही नहीं है. ये कार्यक्रम क्लास एक से लेकर आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य है. बैगलेस सुरक्षित शनिवार में बच्चों को बैग नहीं लाना है. 


पटना में ही नहीं हो रहा मुख्यमंत्री की घोषणाओं का पालन
हालांकि सादा कागज, छोटे खिलौने और बाल पत्रिकाओं को लाने की अनुमति जरूर है. सवाल ये उठता है कि जिस बात की घोषणा खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हों, उनकी घोषणाओं का पालन पटना में ही नहीं हो रहा है तो दूसरे जिलों में क्या हो रहा होगा. 
इनपुट- प्रीतम कुमार


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