पटना: Bihar Police: पटना पुलिस का अमानवीय चेहरा का एक बार फिर सामने आ गया है. इस बार एक मासूम अपनी जिंदगी की जंग इनकी वजह से एंबुलेंस की भीतर ही लड़ता रहा और उस एंबुलेंस को रास्ता इसलिए नहीं मिल पाया क्योंकि वहां से CM का काफिला गुजरना था. जिस एंबुलेंस में वह मासूम जिंदगी की जंग लड़ रहा था और उसे अस्पताल में इलाज की दरकार थी वह वहीं एक घंटे तक पड़ा रहा.  


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बता दें कि पटना पुलिस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले को जाने के लिए जिंदगी-मौत से जूझ रहे मासूम के एंबुलेंस को करीब 1 घंटे तक रोक दिया. मासूम एंबुलेंस में काफी देर तक बेहोश रहा और उसकी मां रोते रही. मामला राजधानी पटना से सटे फतुहा थाना क्षेत्र स्थित आर ओ बी के पास का है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज नालंदा के इथेनॉल फैक्ट्री का उद्घाटन कर वापस पटना लौट रहे थे. 


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पटना पुलिस ने मुख्यमंत्री के काफिला को पार कराने के लिए सभी गाड़ियों को रोक दिया. जिसमें एक एंबुलेंस करीब 1 घंटे तक फंसा रहा, उस एंबुलेंस में एक मासूम था जो जिंदगी-मौत के बीच जंग लड़ रहा था. एंबुलेंस ड्राइवर ने बताया कि फतुहा के एक निजी अस्पताल से उस बच्चे को लेकर पटना के अस्पताल में जा रहे थे लेकिन पुलिस ने मुख्यमंत्री के काफिले को लेकर रोक दिया है. 


एंबुलेंस ड्राइवर ने कहा भी की इसमें इमरजेंसी रोगी है लेकिन पुलिस ने नहीं माना और एंबुलेंस को रोक दिया गया. एंबुलेंस में सवार मासूम की स्थिति और मासूम के मां का चेहरा और उसकी आंखों से गिर रहे आंसू को देखकर भी पटना पुलिस को तरस नहीं आई और कानून को ठेंगा दिखाते हुए सभी गाड़ियों सहित एंबुलेंस को भी रोके रखा गया. बताते चलें कि एक महीना पहले भी ऐसी घटना पटना के गंगा पथ पर देखने को मिली थी. जिसमें एक एंबुलेंस को मुख्यमंत्री के काफिले को पार कराने के लिए रोका गया था. हालांकि बाद में ट्रैफिक एसपी ने चिन्हित करके पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की बात कही थी. उस वक्त भी पुलिस ने आश्वासन दिया था कि ऐसे मामलों में किसी को भी एंबुलेंस को रोकने का अधिकार नहीं है.