पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षकों के खाली रह गए पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी को 4700 की जगह 40 हजार से अधिक पदों के लिए पूरक परिणाम जारी करने चाहिए ताकि अभ्यर्थियों को नियुक्ति के तीसरे चरण की प्रतीक्षा न करनी पड़े. यदि तृतीया चरण की परीक्षा ली गई, तो उस समय तक हजारों युवाओं की उम्र सीमा समाप्त हो जाएगी.


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सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के पहले चरण में सरकार ने भले ही 1.22 लाख नियुक्ति पत्र बाँटने का ढोल पीटा, लेकिन वास्तव में मात्र 88 हजार शिक्षकों ने योगदान किया. इनमें भी बिहार के युवा मात्र 40 हजार हैं,


 



उन्होंने कहा कि 32,336चयनित शिक्षकों ने योगदान नहीं किया. जिन 28,800 नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी परीक्षा पास करने पर नियुक्ति मिली, उनके पद भी खाली हो जाएंगे. इस तरह 41 हजार 136 पदों पर नियुक्ति की आवश्यकता पड़ेगी.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 4700की जगह 40हजार पूरक परिणाम जारी कर सरकार समय और संसाधन बचा सकती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव ने पूरी अराजकता फैला रखी है. उनके लिए नियम और मान्य प्रक्रिया का कोई मायने नहीं, बल्कि मुख से निकले शब्द ही कानून हैं.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सैंकड़ों लोगों को तरह-तरह के आरोप में नोटिस दिये गए हैं. शिक्षकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है और मुख्यमंत्री पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए हैं.