Corona Virus New Variant: कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. विश्व के कई देशों में अभी कोरोना का कहर जारी है. चीन और जापान जैसे देश इसका सबसे अधिक खामियाजा भुगत रहे हैं. हालांकि, भारत तत्काल खतरे से बच गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, देश में एक्टिव सभी कोरोनो वैरिएंट के लिए अधिकांश आबादी को या प्राकृतिक इम्यूनिटी या वैक्सीन-प्रेरित इम्यूनिटी मिल गई है. बीते एक साल में भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट के एक्सपोजर को देखते हुए, निकट भविष्य में कोविड के कारण किसी भी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या की कोई संभावना नहीं है.


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एम्स, नई दिल्ली में सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने कहा, ''निकट भविष्य में हम भारत में कोविड-19 के गंभीर मामलों में कोई वृद्धि नहीं देखेंगे. हालांकि, हमें पिछले दो वर्षों से सबक लेकर महामारी प्रतिक्रिया प्रणाली को तैयार करने और मजबूत करने की आवश्यकता है.'' चीन ने कोविड और अस्पताल में भर्ती होने में भारी वृद्धि देखी, विशेष रूप से दिसंबर के महीने में, जापान जो महामारी की आठवीं लहर से जूझ रहा है, ने लगभग हर दिन रिकॉर्ड कोरोनो वायरस से संबंधित मौतों की सूचना दी है.


मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता मैथ्यू के मुताबिक, पिछले ढाई वर्षों में, भारत ने डेल्टा, ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट जैसे विभिन्न प्रकारों के साथ कोविड-19 की तीन लहरें देखी हैं, जो एक स्थानिकता का कारण बना. डॉ मैथ्यू ने कहा, ''हमारे पास एक मजबूत टीकाकरण कार्यक्रम भी था जिसने हमें संक्रमण की गंभीरता को कम करने में मदद की, और इससे बीमारी के आगे प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिली. हमारे पास 95 प्रतिशत से अधिक आबादी को वैक्सीन की प्राथमिक खुराक मिली है और 30 प्रतिशत को बूस्टर मिला है.''


स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, ''भारत में, हमारी एक बड़ी आबादी है जो पहले से ही कोविड से संक्रमित हो चुकी है, इस प्रकार संक्रमण और टीकाकरण के संयोजन ने निश्चित मात्रा में इम्यूनिटी विकसित की है. इस प्रकार, हमने अभी तक प्रकोप या गंभीर बीमारी की लहर की कोई चिंताजनक स्थिति नहीं देखी है. जबकि, चीन में, पहले कुछ वर्षों के लिए शून्य-कोविड नीतियां और सख्त नियम इस संबंध में अपवाद हैं, शायद यही कारण है कि वहां संक्रमण का अचानक उछाल है.''


डॉक्टर ने कहा- चीन में मौजूदा संस्करण नया नहीं है, यह ओमिक्रॉन परिवार का हिस्सा है और भारत में लहर तभी देखने की संभावना है जब हमारे पास नया सबवैरिएंट हो, जो अतीत में सामने नहीं आया है. गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ रवींद्र गुप्ता के अनुसार, यह प्रभावित देशों से यात्रा करने वाली सरकार द्वारा अनिवार्य किए जा रहे नकारात्मक कोविड परीक्षणों का प्रभाव हो सकता है. दूसरा कारण, और सबसे अधिक संभावना, सामूहिक इम्यूनिटी है जो हमारे देश में कोविड के खिलाफ प्रभावी सामूहिक टीकाकरण के कारण विकसित हुई है. हालांकि, हमें अभी भी सतर्क रहना चाहिए.


(आईएएनएस)