Daily Panchang 5 November: कल तुलसी विवाह, जानें पंचांग में शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहुकाल
Daily Aaj Ka Panchang 5 November, Tulsi Vivah: कल शनिवार है. शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है. वहीं कल तुलसी पूजा भी है. शनि देव को धर्म व न्याय का प्रतीक और सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है.
पटना: Daily Aaj Ka Panchang 5 November, Tulsi Vivah: आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. कल शनिवार है. शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है. वहीं कल तुलसी पूजा भी है.
शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. शनि देव को धर्म व न्याय का प्रतीक और सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है. शनि जिस पर मेहरबान हो जाए उसकी नैया पार हो जाती है. शनि को क्रूर ग्रह भी माना जाता है. शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं शनि के शुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है.
हिंदू धर्म में कार्तिक माह का बहुत महत्व होता है. इस महीने कई प्रमुख त्यौहार पड़ते हैं. इन्हीं त्योहारों में से एक तुलसी विवाह भी है. तुलसी विवाह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने परिवार के सुख-समृद्धि के लिए तुलसी विवाह की करती हैं और तुलसी के पौधे की पूजा करती हैं.
चलिए जानते है कि आज के पंचांग में क्या खास बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी-
आज विक्रम संवत 2079 कार्तिक शुक्ल द्वादशी शनिवार है. आज द्वादशी तिथि सायं 5:06 तक रहेगी. तदुपरांत त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रात्रि 11:56 तक है. इसके पश्चात रेवती नक्षत्र आरंभ हो जाएगा. आज हर्षण योग पूरे दिन रहेगा. आज पंचक रवि योग शनि त्रयोदशी है.
आज का पंचांग
आज विक्रम संवत 2079
कार्तिक शुक्ल द्वादशी शनिवार
द्वादशी तिथि सायं 5:06 तक रहेगी
तदुपरांत त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रात्रि 11:56 तक
इसके पश्चात रेवती नक्षत्र
योग- हर्षण योग पूरे दिन रहेगा
आज पंचक है
रवि योग रहेगा
शनि त्रयोदशी रहेगी
जानें तुलसी विवाह का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन भगवान विष्णु ने शालिग्राम स्वरूप में तुलसी जी से शादी रचाई थी. इसलिए जो भक्त इस दिन विधि विधान से तुलसी जी और विष्णु की पूजा करते है. उनके विवाह के रस्म को उत्साह के साथ मनाते हैं. उन पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं. बता दें कि तुलसी विवाह करने से एक कन्यादान के बराबर फल मिलता है.
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