Daily Panchang 9 October: आज पंचांग में जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र
Aaj Ka Panchang: मान्यता है कि चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ने से यह कई गुना गुणकारी और लाभकारी हो जाती है. इसे कोजागर व्रत माना गया है, साथ ही इसको कौमुदी व्रत भी कहते हैं.
पटना: Daily Panchang 9 October: आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. आज रविवार है, रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित है. कहते हैं कि सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन व्रत और पूजा आदि करने से भगवान सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. अगर आपकी कोई इच्छा है तो उसकी पूर्ति के लिए रविवार के व्रत रख सकते हैं.
रविवार व्रत रखने से सभी संकटों का नाश हो जाता है और साथ ही आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.जानिए पंचांग में क्या है खास, बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्य-
आज का पंचांग
अश्विन - शुक्ल पक्ष - पूर्णिमा - रविवार
नक्षत्र- उतरा भाद्रपद
महत्वपूर्ण योग- ध्रुव योग
चंद्रमा का मीन पर संचरण
आज शुभ मुहूर्त सर्वार्थ सिद्ध योग 16:20 तक
राहुकाल - 04.29- 05.55 बजे तक
त्योहार- शरद पूर्णिमा
शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं. यह रास पूर्णिमा के नाम से भी जानी जाती है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं का होता है और इससे निकलने वाली किरणें अमृत समान मानी जाती है.
उत्तर और मध्य भारत में शरद पूर्णिमा की रात्रि को दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है. मान्यता है कि चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ने से यह कई गुना गुणकारी और लाभकारी हो जाती है. इसे कोजागर व्रत माना गया है, साथ ही इसको कौमुदी व्रत भी कहते हैं.
शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा से ही स्नान और व्रत प्रारंभ हो जाते हैं. माताएं अपनी संतान की मंगल कामना के लिए देवी-देवताओं का पूजन करती हैं. इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब आ जाता है. शरद ऋतु में मौसम एकदम साफ रहता है. इस समय में आकाश में न तो बादल होते हैं और नहीं धूल के गुबार. शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्र किरणों का शरीर पर पड़ना बहुत ही शुभ माना जाता है.
गुप्त मनोकामना पूर्ति के लिए
आज पूर्णिमा है. इसलिए आज मनोकामना पूर्ति के लिए चांदी के पात्र में आज सुबह आधा दूध, आधा पानी और उसमें थोड़ी सी शहद मिलाकर उत्तर पूर्व दिशा में रख दीजिए. उसी से आज सूर्यास्त के बाद और गोधूलि बेला से पहले चंद्रमा को अर्घ्य दे दीजिए. चन्द्र देवता के सामने अपनी मनोकामना जरूर बोलिए.