बिहार में मृत किसान कर रहे हैं खेती! डीजल अनुदान में सरकारी कमर्चारी की मिलीभगत से बड़ा खेल
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में मरे हुए लेगों को भी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है. जिले के किसानों मिलने वाले डीजल अनुदान का लाभ मरे हुए किसानो को दिया जा रहा है.
मुजफ्फरपुर: Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में मरे हुए लेगों को भी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है. जिले के किसानों मिलने वाले डीजल अनुदान का लाभ मरे हुए किसानो को दिया जा रहा है. खरीफ फसल के लिए मिलने वाले डीजल अनुदान नियम को ताक पर रखकर अयोग्य लोगों को भी इस सरकारी योजना का लाभ दिया जा रहा है. जिसके चलते कई जरूरतमंद किसानों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
डीजल अनुदान में बड़ा खेल
दूसरी ओर इसी योजना में एक और घोटाले का भी पर्दाफाश हुआ है. जहां एक परिवार में कई सदस्यों को किसान बनाकर सरकारी राशि को अवैध तरीके से उनके खाते में भेजी जा रही थी. जिला कृषि विभाग ने पांच माह पुराने इस मामले में अब कार्रवाई शुरू की है.पूरा मामला जिले के पारू प्रखंड की ग्यासपुर और चक्की सोहागपुर पंचायत का बताया जा रहा है. जहां ग्यासपुर पंचायत के मटिहानी गांव में मरे हुए किसान के नाम पर डीजल अनुदान की राशि स्वीकृत की गई है. वहीं एक ही परिवार के पति, पत्नी, बेटा और बहू को अलग-अलग अनुदान दिया जा रहा है.
अक्टूबर में हुई थी शिकायत
जिला कृषि कार्यालय के अनुसार, किसानों ने पिछले साल अक्टूबर में पूरे मामले की शिकायत की थी. जिसके बाग अक्टूबर में ही विभाग की चार सदस्यीय टीम ने इसकी जांच की. टीम ने आरोप को सही ठहराते हुए फरवरी में कृषि पदाधिकारी को पूरी रिपोर्ट सौंपी. जिसके बाद कृषि पदाधिकारी शिलाजीत सिंह ने कृषि समन्वयक मुरारी प्रसाद शाही को निलंबित कर दिया. रिपोर्ट में बताया गया कि ग्यासपुर पंचायत में कृषि समन्वयक मुरारी प्रसाद शाही कार्यरत हैं. उनके विरुद्ध खरीफ डीजल अनुदान के सत्यापन में 2022-23 में अवैध वसूली, भूमिहीन को योजना का लाभ देने को लेकर शिकायत मिली थी.