Deepwali Jyotish Importance: दीपावली लाता है परिवर्तन का समय, जानिए इसके ज्योतिष महत्व
Deepawali Jyotish Importance: दीपावली का पर्व जब आता है तो वह अपने साथ कई तरह बदलाव लेकर आता है. ऋतु परिवर्तन के साथ ग्रह-नक्षत्रों में भी स्थान परिवर्तन हो रहा होता है.
पटनाः Deepwali Jyotish Importance: सनातन परंपरा में हर त्यौहार का ज्योतिष महत्व होता है. माना जाता है कि विभिन्न पर्व और त्यौहारों पर ग्रहों की दिशा और विशेष योग मानव समाज के लिए शुभ फलदायी होते हैं. हिंदू समाज में दिवाली का समय किसी भी कार्य के शुभारंभ और किसी वस्तु की खरीदारी के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस परंपरा और विचार के पीछे ज्योतिष महत्व है.
दीपावली लाता है परिवर्तन का समय
दरअसल दीपावली का पर्व जब आता है तो वह अपने साथ कई तरह बदलाव लेकर आता है. ऋतु परिवर्तन के साथ ग्रह-नक्षत्रों में भी स्थान परिवर्तन हो रहा होता है. इस समय के आसपास सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में स्थित होते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य और चंद्रमा की यह स्थिति शुभ और उत्तम फल देने वाली होती है. तुला एक संतुलित भाव रखने वाली राशि है. यह राशि न्याय और अपक्षपात का प्रतिनिधित्व करती है. तुला राशि के स्वामी शुक्र जो कि स्वयं सौहार्द, भाईचारे, आपसी सद्भाव और सम्मान के कारक हैं. इन गुणों की वजह से सूर्य और चंद्रमा दोनों का तुला राशि में स्थित होना एक सुखद व शुभ संयोग होता है.
आध्यात्म के प्रकाश का पर्व है दीपावली
दीपावली का आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों रूप से विशेष महत्व है. हिंदू दर्शन शास्त्र में दिवाली को आध्यात्मिक अंधकार पर आंतरिक प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई का उत्सव कहा गया है. दीपावली का शुभ मुहूर्त शाम 6:36 से शुरू होगा. इस बार कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि शाम 05:04 के पश्चात प्रारंभ हो रही है. सोमवार का दिन हस्त नक्षत्र अपरान्ह 03:18 बजे तक पश्चात् चित्रा नक्षत्र रहेगी, जो अत्यंत ही शुभ है.