डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की बढ़ी मुश्किलें, IRCTC घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट में होंगे पेश
Tejashwi Yadav IRCTC Case: तेजस्वी IRCTC घोटाला केस में जमानत पर हैं और सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की अर्जी लगा रखी है. जिसके बाद स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है.
पटनाः Tejashwi Yadav IRCTC Case:तेजस्वी यादव जैसे ही उप मुख्यमंत्री बने, उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सीबीआई का दफ्तर हमारे घर में खोल दिया जाए. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी जब रिटायर होते हैं तो बिहार ही आते हैं. सीबीआई ने इस बयान को गंभीरता पूर्वक लिया और तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सीबीआई कोर्ट में 18 अक्टूबर को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पेश होंगे. इसके लिए वे सोमवार शाम पटना से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
IRCTC घोटाले में जमानत पर हैं तेजस्वी
तेजस्वी IRCTC घोटाला केस में जमानत पर हैं और सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की अर्जी लगा रखी है. जिसके बाद स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है. इसी मामले में उन्हें हाजिर होना है सीबीआई का ताजा आरोप है कि तेजस्वी यादव ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है. तेजस्वी यादव ने 25 अगस्त को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ''क्या सीबीआई अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं होते, क्या उनका परिवार नहीं है, क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे, क्या वे रिटायर नहीं होंगे, सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी, आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए.
आवास में दफ्तर खोलने की कही थी बात
तेजस्वी ने आगे कहा था कि अब हम वो तेजस्वी यादव नहीं हैं जिसकी मूंछ भी नहीं थी, तब सीबीआई ने केस किया था इतने दिन हो गए, क्या हुआ उसमें अब तो हमारे पास सात साल का अनुभव है. इसमें दो बार नेता विरोधी दल रह लिए, दो बार डिप्टी सीएम बन गए. हालांकि तेजस्वी ने बाद में कहा कि वे तो सीबीआई को सबसे अधिक मदद करते रहे हैं और आवास में दफ्तर खोलने तक को कह चुके हैं. IRCTC टेंडर घोटाले में RJD सुप्रीमो लालू यादव फंसे हुए हैं.
लालू परिवार पर ये भी हैं आरोप
लालू प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए एक निजी कंपनी को अवैध तरीके से भुवनेश्वर और रांची में दो होटलों को चलाने का ठेका दे दिया. इसके बदले में उन्हें पटना के सगुना मोड़ के एरिया में इस कंपनी ने 3 एकड़ जमीन दी थी. इस मामले में CBI ने लालू यादव, राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ FIR दर्ज की थी. सभी को दो साल पहले जमानत मिली थी. IRCTC टेंडर घोटाला मामले में तेजस्वी समेत अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल है. इस मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित प्रेम गुप्ता, सरला गुप्ता सहित रेलवे के अफसर के.के गायल और राकेश सक्सेना को अभियुक्त बनाए गए थे.
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