पटनाः Dev Diwali 2022: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि और पूर्णिमा को देव दिवाली मनाई जाती है. प्रकाश का यह पर्व, जागृति का पर्याय होता है. पुराणों के अनुसार इस दिन देवताओं ने असुर तारकासुर के अत्याचार से मुक्त होने के बाद दीप जलाकर प्रसन्नता व्यक्त की थी. इसलिए तब से देव दिवाली मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है. जानिए देव दिवाली के दिन कैसे करते हैं पूजा और पूजन की शुभ तिथि 


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देव दीपावली 2022
सोमवार, 07 नवंबर 2022
देव दीपावली मुहूर्त- 05.14 अपराह्न से 07.49 अपराह्न


देव दीपावली पर ऐसे करें पूजा
देव दीपावली के दिन सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए और नदी स्नान करना चाहिए. यदि नदी स्नान संभव न हो तो घर के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. इसके बाद साफ कपड़े पहनें और सूर्यदेव को अर्घ्य दें. देव दीपावली पर भगवान गणेश, शिवजी और श्री हरि विष्णु की पूजा का विधान है. सुबह की पूजा के बाद शाम में प्रदोष काल के समय भी पूजा करनी चाहिए. पूजा में हल्दी, कुमकुम, चंदन, अक्षत, सुपारी, मौली, जनेऊ, दूर्वा, पुष्प, फल और नैवेद्य अर्पित करें.  फिर धूप दीप जलाएं. .


किसी नदी या सरोवर में करें दीपदान, जानिए महत्व
संध्या समय किसी नदी या सरोवर पर जाकर दीपदान करना चाहिए.  यदि वहां नहीं जा सकते तो किसी मंदिर में जाकर दीपदान करना चाहिए. अपने घर के पूजा स्थल और घर में दीप जलाने चाहिए. देव दीपावली के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दीपदान करना शुभ होता है. मान्यता अनुसार, यह दीपदान नदी के किनारे किया जाता है. पौराणिक मान्यता और परंपरा के वजह से बनारस में गंगा नदी के किनारे व्यापक स्तर पर दीपदान किया जाता है.


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