Diwali 2024: दिवाली जिसे दीपों का पर्व कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. इसे खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है. दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है. इस दिन खासकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. लक्ष्मी माता धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं, जबकि गणेश जी विघ्नों को दूर करने वाले देवता होते हैं. इसके साथ ही, पंचदेवताओं की पूजा भी की जाती है, जिसमें भगवान विष्णु, शिव, सूर्य और देवी शक्ति शामिल हैं.


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पंचदेवताओं की पूजा का महत्व
आचार्य मदन मोहन के अनुसार दिवाली पर पंचदेवताओं की पूजा का बहुत महत्व है. ये पांच देवता गणेश, विष्णु, शिव, सूर्य, और देवी शक्ति जीवन में संतुलन और समृद्धि लाते हैं. पूजा की शुरुआत भगवान गणेश से होती है, क्योंकि वे शुभारंभ के देवता हैं और विघ्नों को दूर करते हैं. भगवान विष्णु को पालनकर्ता माना जाता है और लक्ष्मी जी के पति हैं, इसलिए उनकी पूजा से जीवन में स्थिरता मिलती है. भगवान शिव संतुलन और संयम के प्रतीक हैं, जो जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करते हैं. सूर्य देव सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य के प्रतीक होते हैं. देवी शक्ति सृजन, शक्ति और ऊर्जा की देवी हैं, जो जीवन में प्रेरणा देती हैं.


पंचदेवताओं की पूजा कैसे करें
साथ ही दिवाली के दिन पंचदेवताओं की पूजा करने से व्यक्ति को भौतिक सुख के साथ-साथ मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी मिलती है. पूजा की विधि में सबसे पहले पंचामृत से देवताओं का अभिषेक किया जाता है. इसके बाद तिलक कर, पुष्प, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं. अंत में, दीप जलाकर आरती की जाती है और समर्पित भाव से प्रार्थना की जाती है. इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.


साथ ही दिवाली पर पंचदेवताओं की पूजा करना न केवल धार्मिक है, बल्कि यह जीवन में खुशियों और समृद्धि का संचार भी करता है. हर व्यक्ति को इस पर्व को अपने जीवन में खास बनाने के लिए पंचदेवताओं की पूजा अवश्य करनी चाहिए.


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