Bihar News: नई दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग संसथान के बेसमेंट में हुए दर्दनाक हादसे के बाद पटना में इसका असर दिखना शुरू हो गया है. जिला प्रशासन ने छह-छह अधिकारियों की छह टीम गठित कर कोचिंग संस्थानों का मुआयना करने और सुरक्षा मनकों समेत पंजीकरण और दूसरी प्रमुख अहर्ता को लेकर 30 जुलाई, 2024 दिन मंगलवार से ही कोचिंग संस्थानों का दौरा जांच दलों ने करना शुरू कर दिया है. 31 जुलाई, दिन बुधवार को इस बाबत कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने जिलाधिकारी के साथ बैठक की. 


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इस बैठ में पटना के एसएसपी और नगर निगम के आयुक्त भी उपस्थित रहे. दो घंटे चली मैराथन बैठक में जिलधिकारी ने सभी प्रमुख बातों को अवगत करते हुए एक महीने की मोहलत कोचिंग संस्थानों को दी, जिसमें तमाम मनकों को हर हाल में उनसे एक महीने के अंदर पूरा करने के लिए कहा गया है. 


पटना में जितने भी कोचिंग संचालन हो रहे हैं उसमें से 75 फीसदी का पंजीकरण नहीं हुआ है. सभी कोचिंग का पंजीकरण अनिवार्य है. जांच दलों ने पाया कि कोचिंग के क्लास रूम में छात्रों की उपस्थिति भीड़ वाली है.  यहां कहा गया कि संख्या क्लास रूम में सिमित होना चाहिए. साथ ही एक छात्र के लिए एक वर्ग मीटर का स्थान सुनिश्चित होना चाहिए. कोचिंग संचालक भी प्रशासन से मिले गाइडलाइन को पूरा करने की हामी भरी और इसे सही ठहराया. 



पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि गठित जांच दलों का अभियान जारी रहेगा और अब से कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण पोर्टल के जरिए होगा. जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी, अग्निशम विभाग के पदाधिकारियों को भी कहा गया कि आवेदन आने पर फायर क्लियरेंस को प्राथमिकता से पूरा करें. जिला प्रशासन की ओर से किसी भी कोचिंग संसथान को बंद या सील नहीं किया गया है, लेकिन महीने भर की मोहलत के बाद कमियां पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
 
रिपोर्ट: रजनीश