NEET UG Paper Leak : नीट यूजी पेपर लीक कर माफिया पटना से केवल तीन अरब का कारोबार करने वाले थे. हालांकि, एक साथ बिहार और झारखंड में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया. अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पटना पुलिस अब लेन-देन का ब्योरा निकाल रही है. माना जा रहा है कि माफिया अभ्यर्थियों से सौदे की पूरी रकम नहीं वसूल पाए होंगे, लेकिन मोटी रकम की उगाही किए जाने से भी इनकार नहीं कर रहे. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने भी शास्त्री नगर थाने में अभियुक्तों से पूछताछ की थी.


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क्या है पूरा मामला


दरअसल, 5 मई को पूरे देश में आयोजित नीट-यूजी परीक्षा से पेपर लीक होने की खबर की पुष्टि पटना के शास्त्री नगर थाना दर्ज FIR से हो गई है. अब नीट पेपर लीक मामले की जांच बिहार की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई, बिहार ने संभाल ली है. अब तक पटना पुलिस मामले की जांच शास्त्री नगर थाना में कांड संख्या-358/24 दर्ज कर कर रही थी. पटना पुलिस ने इस कांड में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है. नीट पेपर लीक मामले की जांच में पाए गए तथ्यों और मामले की गंभीरता को देखते हुए और प्रथम दृष्टया संगठित गिरोह की सुनियोजित संलिप्तता के साक्ष्य के आधार पर EOU ने शुक्रवार को जांच की जिम्मेदारी स्वयं ले ली. बिहार EOU द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक़ गिरफ्तार आरोपितों को रिमांड पर लेकर अब EOU पूछताछ करेगा.


 


कार्रवाई में 13 अभियुक्तों को पुलिस ने किया गिरफ्तार


ईओयू ने नीट पेपर लीक मामले की जांच के लिए आईपीएस मदन कुमार आनंद के नेतृत्व में 8 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. इस कांड में अब तक जिन 13 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें 4 नीट के परीक्षार्थी है और दूसरे उनके अभिभावक और संगठित गिरोह के सदस्य हैं. दर्ज एफआईआर के मुताबिक पटना के रामकृष्ण नगर थाना के खेमनीचक के लर्न बॉयज हॉस्टल और लर्न प्ले स्कूल में 25 से 30 परीक्षार्थियों को परीक्षा से एक दिन पहले इकठ्ठा कर नीट का प्रश्न पत्र रटवाया गया था और पुलिस ने छापेमारी के दौरान जले हुए प्रश्न पत्रों के कुछ अवशेष भी जब्त किए गए थे, जिनकी जांच कराई जा रही है. गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों के पास से कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, पोस्ट डेटेड चेक के साथ प्रमाण पत्र जब्त किए गए.


 


एडवांस में स्टूडेंट से वसूलते थे 5 लाख रुपये


पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि पेपर लीक करने वाले इस गैंग ने औसतन तीन अरब का अवैध कारोबार करने का हिसाब किताब कर लिया था. गिरोह की अपराध शैली के बारे में पुलिस के सूत्र बताते हैं कि पेपर 100 प्रतिशत मिलने के बाद ही सौदे की रकम ली जाती थी. रकम 40 लाख से 60 लाख के बीच होती थी. जानकारी के मुताबिक गिरोह के मास्टरमाइंड एडवांस के तौर पर पहले पांच लाख पर स्टूडेंट वसूलते थे और परीक्षा में पेपर का मिलान छात्र द्वारा होने के बाद शेष रकम ली जाती थी. हालांकि इस दौरान गैंग के लोग पोस्ट डेटेड चेक भी छात्र के परिजनों से ले लिए होते थे ताकि कोई पेपर के बाद पैसे देने में आनाकानी ना करे. पुलिस को ऐसे ही पोस्ट डेटेड चेक भी गिरोह से बरामद हुए. सूत्र बताते हैं कि एक चेक भी पुलिस को मिला था, जिस पर तिथि अंकित नहीं थी. उस पर हस्ताक्षर किया हुआ था और 40 लाख रुपये लिखा था. हालांकि, इस चेक का शास्त्री नगर कांड संख्या 358/24 में जिक्र नहीं है.


 


पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया है मामला


पेपर लीक के बाबत पांच मई को शास्त्री नगर थाने में दर्ज कांड संख्या 358/24 के अनुसंधानकर्ता सह दारोगा तेज नारायण सिंह ने छह प्राथमिकी और सात अप्राथमिकी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए पटना सदर कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (नौ) की अदालत में अग्रसारण प्रतिवेदन दिया था. इसमें अनुसंधानकर्ता ने लिखा है कि प्राथमिकी और अप्राथमिकी अभियुक्तों ने नीट का प्रश्नपत्र लीक कर करवाया है. पुलिस के पास आरोप-पत्र समर्पित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं. प्राथमिकी आईपीसी की धारा 407 /408 /409 /120 (बी) के तहत की गई है.


 


पुलिस ने गैंग के सदस्य सिकंदर यादव को किया गिरफ्तार


दरअसल, 5 मई को पटना के सीनियर एसपी को एक कॉल पर बताया गया कि नीट का पेपर लीक कर एक गैंग पटना में छात्रों को परीक्षा दिला रहा है. सूचना मिलते ही एसपी राजीव मिश्रा ने तत्काल शास्त्री नगर थाना को सूचित किया और तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया. पटना शास्त्री नगर थाना के प्रभारी अमर कुमार ने तत्काल छापेमारी शुरू की तो गैंग के सदस्य सिकंदर यादव को गिरफ्त में लिया और उसके साथ और दो लोग थे जिनमें एक का बेटा परीक्षा दे रहा था. पटना पुलिस ने इन तीनों से पूछताछ के बाद तत्काल पटना के DAV स्कूल पहुंची और परीक्षा के एडमिट कार्ड की कॉपी के जरिये छात्र आयुष की पहचान की. DAV स्कूल के प्रिंसिपल AC JHA ने बताया कि पुलिस परीक्षा देते हुए आयुष को गिरफ्तार करना चाहती थी पर उन्होंने परीक्षा समाप्ति के बाद छात्र को हिरासत में लेने की सलाह दी. प्राचार्य ने बताया की गिरफ्तार छात्र आयुष DAV स्कूल के 28 नंबर कमरे से परीक्षा दे रहा था और परीक्षा समाप्त होते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.


 


इनपुट- जी बिहार झारखंड ब्यूरो


 


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