Patna: बिक्रम नगर बाजार में बिजली विभाग की मनमानी, जबरन लगाए जा रहे हैं प्रीपेड मीटर
पटना के बिक्रम नगर बाजार में बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जबरदस्ती प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं. जिसको लेकर उपभोक्ताओं ने आक्रोशित होकर सामूहिक विरोध जताया है.
Patna: बिहार के पटना के बिक्रम नगर बाजार में बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जबरदस्ती प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं. जिसको लेकर उपभोक्ताओं ने आक्रोशित होकर सामूहिक विरोध जताया है. नगर बाजार के उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारियों की देखरेख में कर्मियों द्वारा प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं. बिजली विभाग के कर्मी पुराने मीटर की वायरिंग को उखाड़ कर प्रीपेड मीटर लगाते हैं.
महिलाओं ने झाड़ू दिखाकर किया विरोध
दरअसल, बिक्रम नगर बाजार में बिजली विभाग उपभोक्ताओं के पुराने मीटर को हटाकर नए मीटर लगा रहे हैं. जिसका उपभोक्ताओं के द्वारा विरोध जताया गया है. उपभोक्ताओं का कहना है कि इस मामले में बिजली विभाग के कर्मियों से पुछने पर सर्विस तार से बिजली की आपूर्ति बाधित कर दी जाती हैं. इसके अलावा पुराना मीटर अपने साथ लेकर चले जाते हैं. इस प्रकार के हालात बिक्रम बाजार में शुक्रवार को भी देखने को मिले. जिसके बाद उपभोक्ताओं ने विरोध किया. इसके अलावा बिजली विभाग के अधिकारियों को झाड़ू दिखाकर महिलाओं ने विरोध जताया है. उपभोक्ताओं का आक्रोश देख कर अधिकारी और कर्मी वापस लौट गए. उपभोक्ताओं ने कहा कि प्रीपेड मीटर में कई तरह की शिकायत हैं और विभाग के द्वारा शिकायत दूर नहीं की, बल्कि फायदे के लिए पुराने मीटर की जगह नया प्रीपेड मीटर लगा दिया गया.
वसूली जा रही है मनमानी राशी
उपभोक्ताओं ने कहा कि पुराना मीटर भी विभाग के द्वारा लगाया गया था और उसपर यूनिट के मुताबिक़ राशि भुगतान किया जाता है. पुराने मीटर में भी मीटर रीडिंग की व्यवस्था है और वह भी सील मीटर होता है. पुराने मीटर को हटा दिया. इसके अलावा नया मीटर लगाकर उसका अलग से चार्ज और सर्विस चार्ज लगाकर विभाग ने राशि की वसूली की है. साथ ही पहले के मीटर के नाम पर वसूली गई राशि को विभाग ने किसी उपभोक्ता को वापस नहीं किया और अब प्रीपेड मीटर लगाने के नाम पर नए मीटर की राशि के पैसे लिए जा रहे हैं. उपभोक्ताओं ने कहा कि प्रीपेड मीटर लगाकर विभाग मनमानी राशि वसूलने की साजिश कर रहा है और आवश्यकता पड़ी तो बिजली विभाग के खिलाफ उपभोक्ता फोरम या न्यायालय में शिकायत दर्ज करवाई जाएगी. फिलहाल इस चीज को लेकर उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है.