पटना : बिहार के नियोजित शिक्षकों ने 26 फरवरी को होने वाली सक्षमता एग्जाम के बॉयकॉट का ऐलान किया है. इन शिक्षकों ने सरकार से बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की है और इसके खिलाफ अपना विरोध जताया है. इस फैसले का ऐलान शनिवार को शिक्षक एकता मंच की बैठक में किया गया. उन्होंने घोषणा की है कि वे अपने विरोध को प्रदर्शित करने के लिए रविवार को जिला हेडक्वार्टर्स में जारी एडमिट कार्ड जला कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.


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शिक्षक मंच ने सरकार से 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देते हुए सक्षमता परीक्षा को कैंसिल किया जाए. उन्होंने ऐच्छिक स्थानांतरण की मांग भी की है. मंच ने यह भी कहा है कि वे सड़क पर उतरेंगे और गवर्नमेंट के खिलाफ विरोध करेंगे, तब तक नहीं रुकेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं.


इसे जानकर यह बताना महत्वपूर्ण है कि नियोजित शिक्षकों को स्पेशल टीचर के रूप में नियुक्ति के लिए सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी को आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा का आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा किया जा रहा है, जिसमें राज्य के कार्यरत स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए संबंधित स्थान पर किया जा रहा है.


बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब 3.50 लाख है और वे लंबे समय से राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने की मांग कर रहे हैं. इसके बावजूद, सरकार ने पहले ही इन मांगों को स्वीकार किया था, जिसमें इन शिक्षकों ने ऑनलाइन परीक्षा के साथ-साथ ऑफलाइन (लिखित) परीक्षा की मांग की थी. इसके बाद, बिहार के शिक्षा मंत्री ने बताया था कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए दो बार ऑफलाइन (लिखित) सक्षमता एग्जाम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.


इनपुट - आईएएनएस


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